राजपाल यादव ने किया टेलर का काम, 'जंगल' ने बदली किस्मत और बने 'हंसी के सुपरस्टार'
क्या है खबर?
जब भी बॉलीवुड के बेहतरीन हास्य कलाकारों का जिक्र होता है तो राजपाल यादव का नाम सूची में शामिल जरूर होता है। उन्होंने अब तक कई सफल फिल्मों में काम किया है और अपने काम से दर्शकों के बीच अपनी एक अलग छाप छोड़ी है।
राजपाल ने अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को कई बार लोटपोट किया है। आज यानी 16 मार्च को वह अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं।
आइए उनसे जुड़ीं कुछ खास बातें जानें।
ख्वाब
देखा था आर्मी में जाने का सपना
कॉमेडी के किंग कहे जाने वाले राजपाल लंबे समय से दर्शकों का लगातार मनोरंजन कर रहे हैं। उनके कई किरदार आज भी इंटरनेट की दुनिया में घूमते रहते हैं।
शायद ही आप इस बात से वाकिफ होंगे कि राजपाल बड़े होकर आर्मी में जाने का सपना देखते थे और उन्होंने इसके लिए खूब हाथ-पैर भी मारे, लेकिन कद छोटा होने की वजह से उन्हें बार-बार रिजेक्शन झेलना पड़ा और फिर उन्होंने आर्मी का ख्याल ही मन से निकाल दिया।
मील का पत्थर
'जंगल' के बाद किस्मत ने मारी पलटी
राजपाल ने 1992 में संस्कृत भाषा के एक टीवी धारावाहिक से अपने करियर की शुरुआत की थी। फिर वह टीवी शो 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने' में भी नजर आए।
1999 तक राजपाल ने कुछेक फिल्में भी कीं, लेकिन उनमें वह छोटे-मोटे किरदारों में ही दिखे।
राजपाल को पहला बड़ा ब्रेक साल 2000 में राम गोपाल वर्मा ने अपनी फिल्म 'जंगल' में दिया था। 'जंगल' से ऐसा मंगल हुआ कि फिर राजपाल ने 1 ही महीने में 16 फिल्में साइन कीं।
संघर्ष
10 साल की उम्र से करने लगे थे नौकरी
राजपाल ने बताया था कि अपनी किताबें खरीदने के लिए वह 10 साल की उम्र से ही नौकरी करने लगे थे, जिसे आज बाल मजदूरी बोलते हैं, लेकिन उस वक्त उन्हें नहीं पता था कि यह बाल मजदूरी है।
एक दिन के हिसाब से उन्हें 8 रुपये मिलते थे। इससे उनकी छठी क्लास की पूरे सालभर की किताबें आ गई थीं। तब उनके पिताजी बहुत खुश हुए थे कि अब किताबें आ गई हैं। फीस वह किसी तरह निपटा लेंगे।
काम
टेलर की नौकरी
राजपाल ने अपने संघर्षों के बारे में बताया था कि उनके पास बस में चढ़ने का किराया नहीं होता था। उनकी माली हालत काफी खराब थी। आलम यह था कि अभिनेता के सिर पर पक्की छत तक नहीं थी।
पिता का सहारा बनने के लिए राजपाल ने टेलरिंग का काम सीखा। उन्हाेंने ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री से अप्रेंटिस का कोर्स किया और टेलर बन गए। हालांकि, कपड़े सिलने में उनका मन नहीं लगा, क्योंकि उनके दिमाग में अभिनय का कीड़ा था।
जानकारी
लोकप्रिय किरदार
'भूल भुलैया' का छोटा पंडित हो या 'ढोल' का मार्तेंडय, 'चुप चुपके' का बंद्या लाल हो या फिल्म 'फिर हेरा फेरी' का पप्पू पाटेकर, राजपाल ने अपने अभिनय और मजेदार अंदाज से हर बार दर्शकों के साथ-समीक्षकों का भी दिल जीत लिया।