'गहराइयां' रिव्यू: केवल दीपिका पादुकोण के लिए देखें यह लम्बी फिल्म
दीपिका पादुकोण की फिल्म 'गहराइयां' आखिरकार आज अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई है। फिल्म में उनके साथ अभिनेता सिद्धांत चतुर्वेदी, अनन्या पांडे और धैर्य करवा नजर आए हैं। नसीरुद्दीन शाह और रजत कपूर का भी छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण किरदार रहा है। फिल्म का निर्देशन शकुन बत्रा ने किया है। करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस ने इस रोमांटिक फिल्म के निर्माता हैं। आइए जानते हैं कि कैसी है यह फिल्म।
कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी
'गहराइयां' एक ऐसी फिल्म है, जो वैलेंटाइन वीक में आज की जेनरेशन को शायद पसंद आएगी। इस फिल्म में प्यार, धोखा, इमोशन और रिलेशनशिप का भरपूर तड़का लगाया गया है। फिल्म की कहानी अलीशा खन्ना (दीपिका), टिया खन्ना (अनन्या), जैन (सिद्धांत) और करण अरोड़ा (घैर्य) के इर्दगिर्द घूमती है। अलीशा और टिया चचेरी बहनें हैं। अलीशा को बहन टिया के पार्टनर जैन से प्यार हो जाता है और फिर रिश्तों की एक जटिल कहानी शुरू होती है।
यहां से शुरू होता है फिल्म में ट्विस्ट
दीपिका और सिद्धांत चुपके-चुपके एक-दूसरे को डेट करने लगते हैं। दीपिका प्रेग्नेंट हो जाती हैं। फिर उलझनें शुरू होती हैं और योगा ट्रेनर बनीं दीपिका के स्टूडियो को सील कर दिया जाता है, जिसमें सिद्धांत ने निवेश किया था। यही कहानी का टर्निंग पॉइंट है।
कैसा रहा कलाकारों का प्रदर्शन?
'गहराइयां' को अपने कंधे पर सिर्फ दीपिका ढोती हुई नजर आईं। उनका किरदार दर्शकों का ध्यान खींचने में कामयाब रहा है। दीपिका के कैरेक्टर अलीशा को प्यार में धोखा, जीवन में खालीपन और निराशा का सामना करना पड़ा। उन्होंने बखूबी अपने किरदार को निभाने की कोशिश की है। फिल्म में सिद्धांत को जितना स्क्रीन स्पेस मिला, वह इसे भुनाने में नाकामयाब रहे। अनन्या भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाईं। फिल्म में घैर्य ने सबसे अधिक निराश किया।
बोल्डनेस के मामले में अनन्या पर भारी पड़ीं दीपिका
दीपिका ने करियर में पहली बार इतने बोल्ड और इंटिमेट सीन दिए हैं। फिल्म में वह काफी समय बाद बिकनी में नजर आईं। इससे पहले 2012 में आई 'कॉकटेल' में वह बिकनी में दिखी थीं। बोल्डनेस के मामले में वह अनन्या पर भारी पड़ीं। फिल्म में अनन्या का रोमांटिक अवतार दर्शकों को रास नहीं आया। नसीरुद्दीन शाह ने दीपिका के पिता का किरदार निभाया है। भले ही फिल्म में नसीरुद्दीन का रोल छोटा हो, लेकिन उन्होंने इसे सलीके से निभाया।
फिल्म का निर्देशन रहा कमजोर पक्ष
शकुन का निर्देशन फिल्म का एक कमजोर पक्ष रहा। इस फिल्म की रफ्तार काफी धीमी लगी। दीपिका और सिद्धांत को भले एक-दूसरे के प्रेम में दिखाया गया, लेकिन उनके बीच एक इमोशनल बॉन्डिंग बनाने की कोशिश नहीं की गई। फिल्म का पहला भाग काफी धीमा है। दो घंटे 28 मिनट की यह फिल्म अनावश्यक खींचने से लंबी हो गई, जोकि OTT फॉर्मेट के उपयुक्त नहीं है। अगर फिल्म से दीपिका को निकाल दें, तो फिल्म में कुछ भी नहीं बचेगा।
ये भी रहीं इस फिल्म की कमियां
'गहराइयां' की सबसे बड़ी खामी यह है कि फिल्म एक बड़े दर्शक वर्ग को कनेक्ट नहीं करती। फिल्म एक शहरी वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई गई है। यह बॉलीवुड की बाकी घिसी-पिटी फिल्मों की कहानियों की तरह लगती है। जैसे सिद्धांत एक रियल एस्टेट बिजनेसमैन हैं और उनका करोड़ों रुपये का प्रोजेक्ट है, लेकिन फिल्म में यह प्लॉट कहीं नजर नहीं आता। सिद्धांत और दीपिका के अलावा बाकी पात्रों के साथ कुछ रचनात्मक करने की कोशिश नहीं की गई।
'गहराइयां' फिल्म देखें या न देखें?
अगर सचमुच आपको ऐसी कहानी देखने में दिलचस्पी है, जिसमें प्यार और धोखा के साथ-साथ रोमांस का तड़का हो, तो ये फिल्म आपके लिए है। वरना इसकी कहानी इतनी दमदार नहीं है कि आपको अंत तक बांधे रखे। 'गहराइयां' एक ऐसी फिल्म है, जिसे दीपिका के फैंस को जरूर देखना चाहिए। इस फिल्म में उनका एक अलग अंदाज उभर कर सामने आया है। दीपिका का रोमांटिक अवतार आपको जरूर पसंद आएगा। हमारी तरफ से फिल्म को दो स्टार।