'भक्षक' रिव्यू: भक्षकों को बेनकाब करती भूमि पेडनेकर की बेहतरीन फिल्म
क्या है खबर?
अभिनेत्री भूमि पेडनेकर फिल्म 'भक्षक' को लेकर सुर्खियों में हैं। उनकी यह फिल्म इसलिए भी खास है, क्योंकि इसमें फिर भूमि अपने पुराने अंदाज में दिख रही हैं, जो उनकी असली जमीन है।
इस क्राइम थ्रिलर फिल्म का निर्देशन पुलकित ने किया है, वहीं शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान इसकी निर्माता हैं।
संजय मिश्रा, साई तम्हणकर और आदित्य श्रीवास्तव जैसे कलाकाराें से सजी यह फिल्म 9 फरवरी को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है।
आइए जानें कैसी है 'भक्षक'।
कहानी
बालिका गृह की घिनौनी घटनाओं से पर्दा हटाती फिल्म
कहानी में एक बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों संग हो रहीं भयावह और झकझोर कर रख देने वाली घटनाएं सामने आती हैं।
इस बालिका गृह और दरिंदों या कहें भक्षकों का पर्दाफाश करने में जुटी है पत्रकार बनीं भूमि (वैशाली सिंह)।
हालांकि, वह उन पत्रकारों में नहीं, जो सीधे अपराधी से भिड़ जाएं।
लिहाजा वैशाली उन बच्चियों को कैसे इंसाफ दिलाती है और इस लड़ाई में कामयाब होती भी है या नहीं, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अभिनय
भूमि की अदाकारी की अनोखी झलक
भूमि ने फिर यह साबित कर दिया है कि अपने दम पर फिल्म ढोने का माद्दा उनमें है। फिल्म देख लगता है कि यह उन्हीं को ध्यान में रखकर लिखी गई है।
क्षेत्रीय भाषा में उनकी पकड़ गजब की है।
एक पत्रकार की भूमिका में भूमि ने अभिनय की जबरदस्त कहानी गढ़ी और साबित कर दिया कि वह एक्टर पहले हैं और स्टार बाद में।
कुल मिलाकर इस भूमिका में भूमि 100 में 100 अंकों के साथ पास हुई हैं।
जानकारी
संजय भी खूब चमके
संजय मिश्रा का अनुभव उनके अभिनय में साफ झलकता है। एक अधेड़ उम्र के कैमरामैन का किरदार उन्होंने इतनी शिद्दत से निभाया कि आप बस उन्हें देखते रह जाते हैं। बाकी आदित्य और साई ने भी अपने हिस्से आए दृश्यों के साथ इंसाफ किया है।
निर्देशन
पास हुए निर्देशक
निर्देशन की बात करें तो पुलकित का काम काबिल-ए-तारीफ है। सबसे पहले तो उनकी कास्टिंग बड़ी सटीक है, जिसने 'भक्षक' की रीढ़ मजबूत करने में बड़ी भूमिका अदा की है।
दूसरी अहम बात यह है कि निर्देशक मुद्दे से भटके नहीं और इसे उन्होंने बड़ी गंभीरता से पर्दे पर उतारा।
इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर बनी फिल्म अगर सही जगह पर चोट करें तो ही उन्हें बनाने का कोई फायदा है और इस कसौटी पर निर्देशक खरे उतरते हैं।
खूबियां
फिल्म चौंकाती है, हिलाती है और डराती है
कुछ फिल्में समझ से परे होती हैं तो कुछ ऐसी होती हैं, जो आपको अंदर तक हिला देती हैं। 'भक्षक' भी ऐसी ही है, जिसे देख गुस्सा आता है और रूह कांप जाती है।
यह सोचने पर मजबूर करती और हैरान करती है कि आखिर इंसान की इंसानियत किस हद तक गिर सकती है।
फिल्म अपने नाम जैसी है, जो यह अहसास कराती है कि इंसान से भला तो जानवर हैं और आखिर हम ये किस समाज में रहते हैं।
जानकारी
कुछेक हैं खामियां
कमियों की बात करें तो शुरुआत में थोड़ी आपको इसकी रफ्तार सुस्त लग सकती है, लेकिन बाद में कहानी ऐसी रफ्तार पकड़ती है कि फिल्म को बिना पूरा देखे उठने का मन नहीं होता। इसका बैकग्राउंड म्यूजिक और गीत-संगीत थोड़ा और बेहतर हो सकता था।
निष्कर्ष
देखें या ना देखें?
क्यों देखें?- फिल्म देखने का सबसे बड़ा कारण यह है कि ये एक बेहद जरूरी मुद्दे को छूती है। फिल्म का कोई भी सीन ऐसा नहीं, जो बेकार या गैर जरूरी हो। यह एक जरूर देखी जाने वाली फिल्म है, वहीं भूमि के फैन हैं तो यकीनन उनकी जबरदस्त अदाकारी आपका दिन बना देगी।
क्यों न देखें?- अगर आपको गंभीर मुद्दों वाली या क्राइम थ्रिलर फिल्मों से परहेज है तो आप 'भक्षक' छोड़ सकते हैं।
न्यूजबाइट्स स्टार- 4/5