कोरोना संकट में भी 'फादर्स डे' को बनाइए स्पेशल, पापा के साथ देखें ये शानदार फिल्में
हर साल 21 जून को 'फादर्स डे' मनाया जाता है। यह दिन आने से पहले ही इस साल कोरोना वायरस के कारण बच्चों ने अपने पिता के साथ भरपूर वक्त बिताया है। माहौल अब भी सुरक्षित नहीं है तो इस बार पिता के साथ घर में ही रहकर 'फादर्स डे' को खास बनाने की कोशिश करें। इसके लिए आप चाहें तो अपने पापा के साथ शानदार फिल्में देख सकते हैं। इसके लिए हम आपको कुछ अच्छी फिल्में बता रहे हैं।
पीकू
'पीकू' में दीपिका पादुकोण और महानायक अमिताभ बच्चन पिता और बेटी के किरदार में नजर आए। 2005 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमिताभ एक ऐसे बूढ़े पिता के किरदार में थे जो नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद अपनी बीमारियों से परेशान रहते हैं। वहीं दीपिका को एक जिम्मेदार बेटी के रोल में देखा गया थे जो अपने करियर के साथ-साथ अपने पिता का बखूबी ख्याल रखती हैं। यह फिल्म आप यूट्यूब पर देख सकते हैं।
हिन्दी मीडियम
इस फिल्म में इरफान खान ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया है जो अपनी बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए क्या कुछ नहीं करता। इसके लिए वह स्कूल में झूठ बोलता हैं, गरीब बनकर बस्ती में रहता है ताकि उसकी बेटी को अच्छे और बडे़ स्कूल में दाखिला मिल जाए। फिल्म के अंत में वह वही करता है जिससे उसकी बेटी बड़ी होकर अपने पिता की मिसाल दे सके। यह फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।
चाची 420
1997 में रिलीज हुई 'चाची 420' में कमल हासन एक ऐसे पिता की भूमिका में दिखे जो पत्नी से अलग होने के बावजूद अपनी बेटी के नजदीक रहने के लिए कई मुश्किलें उठाता है। इसके बाद एक दिन वह बेटी के लिए नौकरानी बनकर अपनी पत्नी के घर पहुंच जाता है। इस दौरान उसे अपने मेकअप और आवाज का खास ध्यान रखता पड़ता है। यूट्यूब पर आज के दिन यह फिल्म देखना पिता और बच्चों के लिए शानदार अनुभव होगा।
दंगल
महावीर सिंह फोगाट की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'दंगल' में दिखाया गया है कि पहलवानी में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाने की चाहत में एक पिता सिर्फ बेटे के इंतजार में है, लेकिन चौथी बार भी उसके घर बेटी हुई। इसके बाद महावीर को अपनी बेटियों में ही वही हुनर दिखता है जो जिसके लिए उसे बेटे का लालच था। अब वह अपनी बेटियों को पहलवानी सिखाता है। इस फिल्म को आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।
मैं ऐसा ही हूं
2005 में रिलीज हुई इस फिल्म में अजय देवगन को एक मानसिक रूप से बीमार पिता का किरदार निभाते हुए देखा गया। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे मानसिक तौर पर बीमार होने के बावजूद वह अपनी बेटी की कस्टडी लेने के लिए जी-जान से कोशिश करते हैं। आखिरकार वह अदालत में यह साबित कर देते हैं कि वह अपनी बेटी की जिम्मेदारी उठाने के लिए एक बेहतर पिता बन सकते हैं। इसे आप ZEE5 पर देख सकते हैं।