फरीदा जलाल ने इन किरदारों से की तौबा, बोलीं- और भी बहुत कुछ कर सकती हूं
अभिनेत्री फरीदा जलाल पिछली बार निर्देशक संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' में नजर आई थीं। इस सीरीज में हमेशा की तरह उनके काम की तारीफ हुई। 74 साल की फरीदा ने भले ही अपने करियर में कई यादगार किरदार निभाए, लेकिन उनकी छवि बॉलीवुड में मां या दादी तक ही सीमित रह गई। हाल ही में इसे लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और बताया कि उनके पास हमेशा इसी तरह की भूमिकाएं आई हैं।
फरीदा का पीछा नहीं छोड़ रहे मां और दादी के किरदार
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए हालिया इंटरव्यू में फरीदा ने कहा, "मैं एक चुनौतीपूर्ण भूमिका का इंतजार कर रही हूं, जहां मैं अपनी बहुमुखी प्रतिभा दर्शकों को दिखा सकूं। जब भी मेरे पास मां या दादी का किरदार निभाने का प्रस्ताव आता है, मुझे निराशा होती है, क्योंकि निर्माताओं को लगता है कि मैं इससे ज्यादा और कुछ कर ही नहीं सकती। मेरा बड़ा मन करता है कि अपने करियर के इस पड़ाव पर कुछ दिलचस्प करूं।"
यूं छलका अभिनेत्री का दर्द
फरीदा ने नाराजगी जताते हुए कहा, "मेरे साथ के पुरुष कलाकारों को अपने फिल्मी करियर में बहुत कुछ अलग करने को मिला है। दिवंगत अमरीश पुरी से लेकर अनुपम खेर तक, उन्होंने खलनायक के साथ-साथ हास्य अभिनेता की भूमिका भी बहुत अच्छे से निभाई। वे पर्दे पर केवल पिता या दादा का किरदार निभाने तक ही सीमित नहीं थे, लेकिन बदनसीबी से मुझे केवल मां और दादी की भूमिका में बांध दिया गया।"
फरीदा ने 200 से ज्यादा फिल्मों में किया अभिनय
फरीदा पिछले 5 दशकों से लगातार टीवी और फिल्मों के साथ-साथ अब OTT पर भी काम करती दिख रही हैं। लगभग 50 साल के करियर में उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। वह लगभग फिल्मों में सहायक भूमिकाओं में दिखीं। हालांकि, करियर की शुरुआत में उन्होंने कुछ लीड भूमिका भी निभाई, लेकिन पहचान उन्हें सहायक भूमिका के जरिए ही मिली। इस दौरान फरीदा ने देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना सहित कई बड़े सितारों के साथ फिल्में कीं।
इस फिल्म में नजर आएंगी फरीदा
जल्द ही फरीदा को अक्षय कुमार के साथ फिल्म 'वेलकम टू द जंगल' में देखा जाएगा। रवीना टंडन, जैकलीन फर्नांडिस और दिशा पाटनी भी इस फिल्म का हिस्सा हैं। फरीदा ने अपने करियर की शुरुआत 1967 में फिल्म 'तकदीर' से की थी। उन्हें 'आराधना', 'पारस', 'मेंहदी' और 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में उनकी भूमिकाओं के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। उन्हें 4 फिल्मफेयर पुरस्कार और 2 बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।