जन्मदिन विशेष: एकता कपूर ने खोला इन कलाकाराें की किस्मत का ताला, बड़े पर्दे तक पहुंचाया
एकता कपूर टीवी और फिल्मी दुनिया का एक जाना-माना नाम हैं। स्टार किड होने के बावजूद उन्न्होंने टीवी जगत से अपना करियर शुरू किया और देखते ही देखते टीवी क्वीन बन गईं। अभिनेता जितेंद्र और निर्माता शोभा कपूर के घर जन्मीं एकता 7 जून को अपना 48वां जन्मदिन मना रही हैं। उनके धारावाहिकों और फिल्मों से तो आप वाकिफ ही होंगे। आज हम आपको उन चुनिंदा सितारों के बारे में बताएंगे, जिनके करियर में एकता ने चार चांद लगाए।
सुशांत सिंह राजपूत-अंकिता लोखंडे
सबसे पहले बात करते हैं दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की और अंकिता लोखंडे, जिन्हें पहली बार कैमरे के सामने अभिनय करने का मौका एकता ने दिया। 'पवित्र रिश्ता' में मानव का किरदार निभाकर सुशांत बहुत मशहूर हुए थे, वहीं अंकिता ने अर्चना बनकर घर-घर में लोकप्रिय हो गई थीं। इस शो के हिट होने के बाद सुशांत ने बॉलीवुड में कदम रखा और वहां भी अपनी धाक जमाई, वहीं अंकिता ने फिल्म 'मणिकर्णिका' से बड़े पर्दे का रुख किया।
विद्या बालन
बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार विद्या बालन को उनके एक्टिंग करियर का पहला ब्रेक एकता ने ही दिया था। 1995 में धारावाहिक 'हम पांच' में विद्या पहली बार अभिनय करती दिखी थीं और पहले ही धारावाहिक से वह दर्शकों के दिलों में घर कर गई थीं। खास बात यह है कि इस शो के जरिए एकता ने भी बतौर निर्माता छोटे पर्दे पर अपनी शुरुआत की थी। 2005 में फिल्म 'परिणीता' से विद्या ने बॉलीवुड का रुख किया।
रोनित रॉय
एकता का शो 'कसौटी जिंदगी की' शायद ही किसी ने ना देखा हो। रोनित रॉय को उन्होंने अपने इसी शो में मौका दिया था और वह मिस्टर बजाज का किरदार निभाकर दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रिय हुए थे। रोनित ने एकता के प्रोडक्शन हाउस बालाजी टेलीफिम्स के बैनर तले बने मशहूर धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में भी काम किया। छोटे पर्दे के बाद रोनित ने 1992 में फिल्म 'जान तेरे नाम' से बॉलीवुड में आगाज किया था।
अनीता हसनंदानी
अनीता छोटे पर्दे की लोकप्रिय अदाकारा हैं। उन्हें टीवी के दर्शन तो एकता ने नहीं कराए, लेकिन अनीता को पहला बड़ा ब्रेक 2001 में एकता के धारावाहिक 'कभी सौतन कभी सहेली' से मिला। इसमें उनके किरदार तनु पर दर्शकों ने खूब प्यार लुटाया। इसके बाद उन्हें एकता के 'कोई अपना सा' और 'काव्यांजलि' जैसे कई लोकप्रिय धारावाहिकों में देखा गया। 1999 में फिल्म 'ताल' से अनीता ने बॉलीवुड में अपनी पारी शुरू की।
राजीव खंडेलवाल
जब भी छोटे पर्दे के बेहतरीन अभिनेताओं की बात होती है तो राजीव खंडेलवाल का जिक्र जरूर होता है। एकता के धारावाहिक 'कहीं तो होगा' से वह लोगों के बीच चर्चा में आए थे। इससे पहले वह 'बनफूल' और 'क्या हादसा क्या हकीकत' में दिखे थे, लेकिन उन्हें पहचान एकता के शो से ही मिली। इसके बाद फिल्म 'आमिर' से 2008 में राजीव ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। पिछली बार वह काजोल अभिनीत फिल्म 'सलाम वेंकी' में दिखे थे।
स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी और एकता की पक्की दोस्ती है। दोनों अक्सर एक-दूसरे की तारीफ के कसीदे पढ़ती दिखती हैं। साल 2000 में एकता के चर्चित धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से स्मृति को बड़ा ब्रेक मिला। यह शो उनके टेलीविजन करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। वह आदर्श बहू तुलसी वीरानी का किरदार निभाकर सबकी चहेती बन गईं। उनकी पहली हिंदी फिल्म 2001 में आई 'मालिक एक' थी। स्मृति राजनीति में भी खूब नाम कमा चुकी हैं।
साक्षी तंवर
एकता ने ही साक्षी तंवर को टीवी स्टार बनाया। उन्होंने अपने लोकप्रिय धारावाहिक 'कहानी घर-घर की' में साक्षी को साइन किया। इस शो में उन्होंने पार्वती का किरदार निभाकर घर-घर में लोकप्रियता बटोरी। बता दें कि साक्षी ने 1998 में टीवी शो 'अलबेला सुर मेला' से अपने टीवी करियर की शुरुआत की थी, लेकिन सफलता उन्हें एकता ने ही दिलाई। साक्षी की पहली फिल्म 2006 में आई 'ओ रे मनवा' थी।