दिलीप कुमार ने अपने जीवन में सिर्फ एक बार विज्ञापन किया, सुभाष घई ने सुनाया किस्सा
जब से दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कहा है, निर्देशक सुभाष घई उन्हें याद करते दिख रहे हैं। उनकी अंतिम विदाई में भी वह काफी भावुक नजर आए थे। अब हाल ही में घई ने एक बार फिर दिलीप कुमार को याद कर उनसे जुड़ा एक रोचक तथ्य बताया। उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार ने अपने जीवन में एक विज्ञापन के सिवा कभी किसी प्रोडक्ट का प्रमोशन नहीं किया। आइए जानते हैं घई ने क्या कुछ कहा।
दिलीप कुमार ने पहली और आखिरी बार किया था ये विज्ञापन
सुभाष घई ने दिलीप कुमार द्वारा किए गए एकमात्र एड का पोस्टर शेयर कर लिखा, 'दिलीप कुमार हमेशा अपने दोस्तों के साथ खड़े रहे। अपने पूरे करियर में उन्होंने कभी कोई विज्ञापन नहीं किया। हालांकि, फिल्म इंडिया पत्रिका के संपादक बाबूराव पटेल एकमात्र अपवाद थे, जो प्राकृतिक चिकित्सा से भी जुड़े हुए थे।' उन्होंने लिखा, 'दिलीप कुमार ने सिर्फ बाबूराव के एक प्रोडक्ट का विज्ञापन किया था, इसके लिए उन्होंने अपने दोस्त से एक पैसा भी नहीं लिया था।'
यहां देखिए सुभाष घई का पोस्ट
सुभाष घई ने दिलीप कुमार को बताया था अपना सच्चा गुरु
घई ने दिलीप कुमार के निधन के बाद कहा था, "मैं नि:शब्द हूं। दिलीप साहब के खोने के गम को मैं बयां नहीं कर सकता। पिछले 15 साल उन्होंने बहुत सफर किया है। वह सिने जगत के सबसे बड़े युगपुरुष थे। मैंने उनके साथ 20 साल काम किया है। हमने साथ में तीन फिल्में 'विधाता', 'कर्मा', 'सौदागर' कीं।" उन्होंने कहा, "वह मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थे। उन्होंने मेरी जिंदगी और सोचने का नजरिया बदल दिया। वह मेरे सच्चे गुरु थे।"
दिलीप कुमार जैसा ना कोई था, ना कभी होगा- सुभाष घई
सुभाष घई ने कहा था, "मैं उनको हमेशा मिस करूंगा। दिलीप साहब जैसा ना कोई था, ना कोई होगा। बतौर इंसान और पेशेवर तौर पर वह मुकम्म्ल थे। दिलीप कुमार ने मुझे सिखाया कि अच्छी फिल्में और अच्छा इंसान कैसे बना जाए।" उन्होंने कहा, "मैं उनके लिए, सायरा भाभी और उनके परिवार के लिए दुआएं कर सकता हूं कि भगवान उनको हौसला दे। फिल्म स्कूल खोलने का आइडिया भी उन्होंने ही मुझे दिया था। हम दोनों में बहुत प्यार था।"
7 जुलाई को दुनिया से रुख्सत हो गए थे दिलीप कुमार
दिलीप कुमार के निधन ने हर किसी को तोड़ कर रख दिया। 7 जुलाई की सुबह 98 वर्ष की उम्र में ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए। उनका मुंबई के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। दिलीप कुमार के निधन के बाद से ही प्रशंसक लगातार खास तरीके से उन्हें याद कर रहे हैं।