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बिटकॉइन घोटाला मामला में राज कुंद्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, चार्जशीट दाखिल; जानिए क्या-क्या हैं आरोप
बिटकॉइन घोटाला मामला में बढ़ी राज कुंद्रा की मुश्किलें

बिटकॉइन घोटाला मामला में राज कुंद्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, चार्जशीट दाखिल; जानिए क्या-क्या हैं आरोप

Sep 27, 2025
10:00 am

क्या है खबर?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और कारोबारी राज कुंद्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। गेन बिटकॉइन घोटाले में ED ने एक चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें राज पर कई बड़े आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, राज ने लगातार सबूत छिपाने की कोशिश की है। वो इस मामले में बिचौलिये नहीं, बल्कि असली लाभार्थी हैं। चार्जशीट में राज पर क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं, आइए जानते हैं।

आरोप

राज पर लगा महत्वपूर्ण सबूत छिपाने का आरोप

ED के मुताबिक, राज के पास 285 बिटकॉइन हैं, जिनकी वर्तमान कीमत 150.47 करोड़ रुपये है। ये बिटकॉइन उन्हें क्रिप्टो घोटाले के मास्टरमाइंड रहे दिवंगत अमित भारद्वाज से मिले थे। इसमें कहा गया कि राज ने जानबूझकर बिटकॉइन वॉलेट के पते आदि सहित महत्वपूर्ण सबूत छिपाए और भारद्वाज से लिए गए बिटकॉइन को वापस नहीं किया। जांच एजेंसी ने तर्क दिया कि राज के पास अपराध की उक्त आय (बिटकॉइन) का कब्जा और उसका उपयोग जारी रहा।

दावा

चार्जशीट में राज की पत्नी शिल्पा शेट्टी का भी जिक्र

यही नहीं, ED द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में ये भी दावा किया गया है कि राज ने अपनी पत्नी और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के साथ एक लेन-देन किया, जिसमें बाजार मूल्य से कहीं कम कीमत पर सौदा दिखाया गया। जांच एजेंसी के अनुसार, यह तरीका काले धन को सफेद बनाने और अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए अपनाया गया। कहा गया है कि राज ने सबूतों को छिपाने के लिए अपने फोन के खराब होने का बहाना दिया।

वास्तविक लाभार्थी

ED ने कहा- सिर्फ बिचौलिये नहीं, मालिक थे राज कुंद्रा

राज कुंद्रा ने ये तर्क दिया कि वो इस मामले में केवल मध्यस्थ थे और उनके पास कोई प्रत्यक्ष स्वामित्व नहीं था, लेकिन ED का कहना है कि समझौते की शर्तों और लगातार लेन-देन की जानकारी रखने के कारण ये साफ है कि राज ही वास्तविक लाभार्थी थे। इतना ही नहीं, 7 साल पुराने लेन-देन को लेकर उनका स्पष्ट विवरण देना यह साबित करता है कि बिटकॉइन उन्हीं के पास थे।

मामला

गेन बिटकॉइन घोटाला क्या है?

इस घोटाले में हजारों निवेशकों से पैसे जुटाए गए थे। वादा किया गया था कि बिटकॉइन माइनिंग से उन्हें मोटा मुनाफा मिलेगा, लेकिन इसके बजाय निवेशकों का पैसा गायब कर दिया गया और बिटकॉइन गुप्त वॉलेट्स में छिपा दिए गए। महाराष्ट्र और दिल्ली पुलिस ने इस धोखाधड़ी को लेकर कई शिकायते दर्ज की थीं, जिसके आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। चार्जशीट में राज के अलावा कारोबारी राजेश सतीजा का नाम भी सामने आया है।