एक दिन गालियों का शोर तालियों की गूंज में छुप जाएगा! ऋषि कपूर के बेस्ट डायलॉग
क्या है खबर?
अपने अभिनय से सबको दिवाना बनाने वाले बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर आज हमें हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह चुके हैं।
बुधवार को उन्हें सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने गुरुवार को अंतिम सांस ली।
अभिनेता ऋषि ने 'कर्ज', 'बॉबी', 'प्रेम रोग' और 'मूल्क' जैसी एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं।
ऐसे में आइए उनके कुछ खास फिल्मी डायलॉग पर गौर फरमाएं।
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फिल्म 'प्रेम रोग' में ऋषि के फेमस डायलॉग
ऋषि कपूर की फिल्म 'प्रेम रोग' ने सिनेमाघरों में आते ही तहलका मचा दिया था। इसमें ऋषि का डायलॉग "रीति-रिवाज इंसानों की सहूलियत के लिए बनाए जाते हैं...इंसान रीति-रिवाजों के लिए नहीं" बहुत फेमस है।
वहीं, इसी फिल्म में ऋषि के एक और डायलॉग "प्रेम तो वो रोग है जो आसानी से लगता नहीं और जब लग जाता है न..फिर कभी मिटता नहीं" ने सिनेमाघरों में सिटियों की बारिश शुरू कर दी थी।
#2, #3
लोगों के दिल और दिमाग पर छा जाने वाले ऋषि के डायलॉग
2013 में रिलीज हुई ऋषि कपूर की फिल्म 'डी डे' का डायलॉग, "ये मुल्क तो मेरी मां है और मुंबई शहर मेरी माशूका" भी लोगों के दिल और दिमाग पर छा चुका है।
इसके अलावा, फिल्म 'कपूर एंड सन्स' में ऋषि के इस डायलॉग "मरने से पहले मैं चाहता हूं के मेरे परिवार के साथ एक फैमिली फोटो हो..जिसके नीचे टाइटल होगा कपूर एंड सन्स, सीन्स 1921" ने भी लोगों का दिल जीत लिया था।
#4, #5
फिल्म 'मुल्क' और 'शुद्ध देसी रोमांस' में ऋषि के अद्भुत डायलॉग
ऋषि की चर्चित फिल्म 'मुल्क' के इस डायलॉग "गले लगाके सवाल पूछेगा, कलेजा निकालके हाथ में रख दूंगा..उंगली उठाके पूछेगा तो याद रखिएगा मेरी जवाबदारी आप से नहीं है...अपने ईमान से है..अपने मुल्क से है" ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया था।
वहीं, ऋषि की फिल्म 'शुद्ध देसी रोमांस' के डायलॉग "ये जो डर होता है न...आदमी को जानवर बनाने से रोकता है" ने लोगों को अपना दीवाना बना डाला था।
#6, #7
फिल्म 'जब तक है जान' और 'झूठा कहीं का' में ऋषि के बोले डायलॉग
ऋषि की फिल्म 'जब तक है जान' का डायलॉग "हर इश्क का वक्त होता है..वो हमारा वक्त नहीं था..पर इसका यह मतलब नहीं की वो इश्क नहीं था" भी इनकी इस लिस्ट का एक अहम डायलॉग है।
वहीं फिल्म 'झूठा कहीं का' के डायलॉग "सुबह का भूला अगर शाम को लौटे तो उसे भूला नहीं कहते..पर शाम का भूला अगर सुबह लौटे तो उसे दूध का धुला भी तो नहीं कहते" पर लोगों ने जमकर ठहाके लगाए थे।
#8, #9
ऋषि की फिल्म 'पटियाला हाऊस' और फिल्म 'दीवाना' के डायलॉग
फिल्म 'पटियाला हाऊस' में भी ऋषि कपूर का डायलॉग "एक दिन गालियों का शोर तालियों की गूंज में छुप जाएगा" भी बेहद दिल छू जाने वाला था। ऋषि की यह फिल्म 11 फरवरी, 2011 में रिलीज हुई थी।
1992 में रिलीज हुई ऋषि की फिल्म 'दीवाना' का डायलॉग, "मैं मरकर भी न मर सका और न ही जीकर जी सकता हूं" बहुत फेमस हुआ था। इस समय उनका ये डायलॉग एकदम सही है। वो हमारे दिलों में जिंद हैं!