'बालिका वधु' के डायरेक्टर को बेचनी पड़ रही हैं सब्जियां, आर्थिक तंगी ने किया मजबूर
कोरोना वायरस के कहर ने बड़े से बड़े शख्स को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया। लाखों लोगों को इस माहमारी के दौर में अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को भी इस मुश्किल समय में आर्थिक समस्याएं झेलनी पड़ रही है। इसी का एक उदाहरण हैं निर्देशक रामवृक्ष गौड़। जो 'बालिका वधु' और 'कुछ तो लोग कहेंगे' जैसे सुपरहिट टीवी शोज का निर्देशन कर चुके हैं, लेकिन आज सब्जियां बेचने को मजबूर हैं।
फिल्म के सिलसिले में आजमगढ़ आए थे रामवृक्ष
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार रामवृक्ष का कहना है कि वह एक फिल्म पर काम करने के लिए आजमगढ़ आए थे। इसके बाद ही लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया और फिर वापिस मुंबई लौटना संभव ही नहीं हो पाया। उन्होंने कहा, "जिस प्रोजेक्ट पर हम काम कर रहे थे, उसे रोक दिया गया। निर्माता का कहना है कि इसे दोबारा शुरु करने में एक साल या उससे ज्यादा का समय भी लग सकता है।"
रामवृक्ष के पास मुंबई में है अपना घर
रामवृक्ष ने आगे कहा, "मैंने अपने पिता के व्यवसाय में ही आने का फैसला किया और एक ठेले पर सब्जियां बेचनी शुरू कर दी। मैं इस व्यवसाय से पूरी तरह परिचित हूं और मुझे इसे करने में कोई पछतावा भी नहीं हैं।" रामवृक्ष ने बताया कि मुंबई में उनका अपना घर है। उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि मैं एक दिन वापिस लौट पाऊंगा। लेकिन जब तक यहां हूं तब तक वह करूंगा जो मैं कर सकता हूं।"
कड़ी मेहनत के बाद डायेरक्टर बने रामवृक्ष
गौरतलब है कि रामवृक्ष 2002 में अपने दोस्त और लेखक शहनवाज खान की मदद से मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने इंडस्ट्री में सबसे पहले बिजली विभाग में काम करना शुरू किया था। इसके बाद वह टीवी सीरीयल्स के प्रोडक्शन का हिस्सा बने। कई टीवी सीरियल्स में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करने के बाद उन्हें 'बालिका वधु' का निर्देशन करने का मौका मिला।
बॉलीवुड हस्तियों के साथ भी काम कर चुके हैं रामवृक्ष
बता दें कि टीवी सीरियल्स के अलावा कई फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उन्होंने बॉलीवुड में यशपाल शर्मा, मिलिंद गुनाजी, राजपाल यादव, रणदीप हुड्डा और सुनील शेट्टी जैसी हस्तियों के साथ भी काम किया है।