अनुराग कश्यप का निशाना, बाेले- 'एक था टाइगर' के लिए मेरी फिल्म सिनेमाघरों से हटा दी
निर्देशक अनुराग कश्यप अपनी दो टूक बयानबाजी के लिए मशहूर हैं। एक तरफ उनकी फिल्में चर्चा का विषय बनती हैं तो दूसरी ओर उनके बयान लोगों के बीच खूब सुर्खियां बटोरते हैं। मुद्दा चाहे बॉलीवुड से जुड़ा हो या इससे बाहर का, अनुराग कटाक्ष करने से नहीं चूकते। हाल ही में वह अपनी फिल्मों के बारे में बातचीत कर रहे थे और बातों ही बातों में उन्होंने सलमान खान पर निशाना साध लिया। आइए जानते हैं अनुराग ने क्या कहा।
स्टार सिस्टम के हिसाब से चलता है बॉलीवुड- अनुराग
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अनुराग बोले, "मेरी फिल्में दुनियाभर के फिल्म महोत्सवों में दिखाई जाती हैं और दुनिया के कोने-कोने के लोग इन्हें पसंद करते हैं, लेकिन विडंबना यह है मेरी फिल्में हिंदी भाषी दर्शकों को उतनी पसंद नहीं हैं।" अनुराग ने इसकी वजह भी बताई। वह बोले, "दरअसल, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का एक खाका पहले से बना हुआ है। इसे ट्रेड, बॉक्स ऑफिस और स्टार सिस्टम ने काफी हद तक नियंत्रित किया हुआ है।"
"रणबीर को छोड़ कभी किसी स्टार के साथ नहीं किया काम"
निर्देशक यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, "अपने तीन दशकों के करियर में मैंने आज तक कभी भी ए-लिस्ट यानी बड़े सितारों के साथ काम नहीं किया है। 'बॉम्बे वेलवेट' इकलौती मेरी ऐसी फिल्म थी, जिसके हीरो रणबीर कपूर थे और यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी फ्लॉप साबित हुई थी।" उन्होंने कहा, "तमिल निर्माताओं ने बिना किसी स्टार के कई हिट फिल्में दी हैं, वहीं मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कोई भारी-भरकम प्रचार-प्रसार नहीं होता। वहां सीधे फिल्में रिलीज होती हैं।"
'एक था टाइगर' के चक्कर में हटाई अनुराग की फिल्म
अनुराग ने आगे कहा, "आज लोग मेरी फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' पर इतनी बातें करते हैं। यह 9 दिन बाद सिनेमाघरों से हटा दी गई थी, क्योंकि सलमान की बड़ी फिल्म 'एक था टाइगर' रिलीज होनी थी। यह किसी स्टार या निर्माता का नहीं, सिनेमाघरों का फैसला था। अनुराग बोले, "मेरी उस फिल्म ने 9 दिन में 26 करोड़ रुपये कमाए थे। अगर उसे सिनेमाघरों में जगह मिलती तो उससे भी ज्यादा कमाई होती। हमारे यहां पर्याप्त सिनेमाघर नहीं हैं।"
हॉलीवुड जाने से किया परहेज
अनुराग ने हॉलीवुड का हिस्सा बनने पर कहा, "मेरा जन्म यहीं हुआ और मेरी कहानियां हिंदी में होंगी, इसलिए मैं हॉलीवुड से दूर भागता हूं, क्योंकि वहां सब कुछ अलग है, यहां तक कि संस्कृति भी। जिस तरह से मैं अपनी कहानियां यहां बता सकता हूं, मैं कहीं और नहीं बता सकता।" अनुराग ने 'ब्लैक फ्राइडे', 'देव डी', 'गुलाल' और 'रमन राघव 2.0' जैसी कई बेहतरीन फिल्में बनाईं। हालांकि, उन्हें असल पहचान गैंगस्टर ड्रामा फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली।
न्यूजबाइट्स प्लस
अनुराग अपने अलग तरह के सिनेमा के लिए 4 फिल्मफेयर समेत कई पुरस्कर जीत चुके हैं। फिल्मी जगत में अपने अनोखे अंदाज से दर्शकों को परिचित कराने वाले अनुराग इस चकाचौंध भरी दुनिया में आना ही नहीं चाहते थे। उनकी इच्छा वैज्ञानिक बनने की थी।