
हंसल मेहता ने सुनाई आपबीती, बोले- मेरे चेहरे पर कालिख पोत दी, टूट गया था मैं
क्या है खबर?
हंसल मेहता का नाम उन निर्देशकों में शुमार है, जो अपनी बात बेबाकी से रखते हैं।
कॉमेडियन कुणाल कामरा के विवाद के बीच उन्होंने अपनी आपबीती मीडियो को सुनाई।
पिछले दिनों उन्होंने कुणाल का समर्थन कर सोशल मीडिया पर भी अपना अनुभव साझा किया था। हंसल कहते हैं कि जो कुणाल के साथ हुआ है, ये महाराष्ट्र के लिए नया नहीं है। वह भी ऐसे अनुभव से दो चार हो चुके हैं।
आइए जानें इस पर निर्देशक अब क्या बोले।
बयान
शराब पीकर मिलता था सुकून
इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए हंसल ने कहा, "कुणाल की तरह मुझे भी शिवसेना से इसी तरह के अपमान का सामना करना पड़ा था। मैं इतना परेशान हो गया था कि मैं शराब में अपना सुकून तलाश लिया था। अब उेसी चीजों को PTSD (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) नाम दिए जाने लगे हैं और इनके बारे में जानकारी दी जाने लगी है, लेकिन पहले तो जिस दवा के बारे में मैं जानता था, वो शराब थी।"
फिल्म पर विवाद
सुनाया दिल पे मत यार का वाकया
हंसल बोले, "25 साल पहले अपनी फिल्म 'दिल पे मत ले यार' के साथ मैंने ऐसे ही अनुभव का सामना किया था। जब मेरी इस फिल्म के एक संवाद के लिए मुझे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर मजबूर कर दिया गया था। मैं तब बुरी तरह टूट गया था। सिर्फ मेरी फिल्म फेल नहीं हुई थी, बल्कि 4 हफ्ते बाद जब हम पैसों के घाटे से जूझ रहे थे तो लोगों ने मेरे ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़ की थी।"
आपबीती
मेरा चेहरा काला कर दिया- हंसल
निर्देशक कहते हैं, "मेरे चेहरे पर लोगों ने कालिख पोत दी थी। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि मैं कल आकर माफी मांगू, क्योंकि वो एक सार्वजनिक तमाशा बनाना चाहते थे। मुझे 10,000 लोगों के आगे माफी मांगने पर मजबूर किया गया, लेकिन माफी मांगना मेरे लिए मुद्दा नहीं था। बाद में मुझे अहसास हुआ कि ले लोग आपके स्वाभिमान और स्वतंत्रता हनन करते हैं वो सत्ता के लालच में डूबे हुए वो नामहीन, चेहराहीन और कायर होते हैं।"
पिछली फिल्म
पिछली बार करीना के साथ फिल्म लेकर आए थे हंसल
हंसल के मुताबिक उन्हें यह समझने में समय लगा कि वह कायर नहीं हैं। उन पर कायलों ने हमला किया था और जिस पल निर्देशक को इस बात का अहसास हुआ, उन्होंने अपनी आवाज पा ली।
हंसल ने पिछली बार करीना कपूर को लेकर फिल्म 'द बकिंघम मर्डर्स' का निर्देशन किया था।
'दिल पे ना ले यार' उनकी पहली फिल्म थी, जो साल 2000 में आई थी। मनोज बाजपेयी, तब्बू और सौरभ शुक्ला इस फिल्म में अहम भूमिका में थे।