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अजित कुमार को मिलेगा पद्म भूषण, जानें कैसे बने फिल्मी दुनिया के बादशाह
क्या है खबर?
अजित कुमार फिल्मी दुनिया के उन अभिनेताओं में से एक हैं, जिन्होंने अपनी अदाकारी, सादगी और मेहनत से करोड़ों लोगों के दिल के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक पद्म भूषण भी हासिल कर लिया है।
दक्षिण भारतीय सिनेमा में उनकी लोकप्रियता इस कदर है कि उन्हें 'थाला' कहा जाता है।
फिल्मों के साथ-साथ अजित एक प्रोफेशनल कार रेसर भी हैं।
आइए जानें कि अजित ने ये सफर कैसे तय किया।
जीवनी
नई दिल्ली और चेन्नई में बीता अजित का शुरूआती जीवन
अजित का जन्म 1 मई, 1971 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता पी सुब्रमण्यम तमिल ब्राह्मण थे, जबकि उनकी माता मोहिनी सिंधी परिवार से हैं।
अजित ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई के असन मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की और 10वीं तक पढ़ने के बाद उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़कर दिल्ली में ऑटोमोबाइल कंपनी में मैकेनिक के तौर पर काम करना शुरू कर दिया।
करियर
फिल्मों की बजाय इस तरह से अजित के करियर की हुई शुरूआत
अजित के पिता को उनका मैकेनिक का काम करना पसंद नहीं था। इसके बाद अजित ने एक एक्सपोर्ट कंपनी में सेल्समैन का काम किया, लेकिन कंपनी कुछ समय बाद बंद हो गई।
इसके बाद अजित ने मॉडलिंग में कदम रखा और धीरे-धीरे फिल्मों की ओर बढ़े।
उनकी अभिनेता की पहली मुख्य भूमिका वाली फिल्म 1993 में आई तमिल फिल्म 'अमरावती' थी, लेकिन ये ज्यादा अच्छी नहीं चली, फिर उनके करियर की टर्निंग पॉइंट फिल्म 'आसाई' रही, जो काफी हीट हुई।
रेसिंग
फिल्मों के साथ-साथ अजित ने रेसिंग में भी बनाया करियर
फिल्म 'आसाई' के बाद अजित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 'वीरम', 'वली', 'मंखथा', 'विश्वसम', और 'विवेगम' जैसी एक के बाद एक सुपरहीट फिल्में दीं।
फिल्मों के अलावा अजित ने कार रेसिंग में भी अपने पैर जमा लिए हैं।
अपनी टीम बास कोएटेन रेसिंग के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए अजित ने 991 श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल किया।
इसके अतिरिक्त अजित को GT4 श्रेणी में स्पिरिट ऑफ द रेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
निजी जीवन
अजित का निजी जीवन है प्रेरणादायक
अजित वैसे तो अपना निजी जीवन सबसे छिपाकर रखते हैं, लेकिन साल 2000 में तमिल सिनेमा की अभिनेत्री शालिनी के साथ उनकी शादी ने बहुत सुर्खियां बटोंरी थी।
इस जोड़े के दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) है। बेटी का नाम अनुष्का है और बेटे का नाम अद्विक है।
अजित अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार के साथ बिताना पसंद करते हैं और लाइमलाइट से उन्हें दूर ही रखते हैं।
पुरस्कार
अजित के पुरस्कारों में शामिल हुआ पद्म भूषण
रेसिंग में कई पुरस्कार अपने नाम करने के साथ उन्हें फिल्मों के लिए भी पुरस्कार जीते।
उन्हें अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार 1999 में आई फिल्म 'वैली' के लिए मिला।
इसके बाद फिल्म 'सिटिजन' और फिल्म 'विलेन' के लिए उन्हें तमिल में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का दूसरा फिल्म फेयर पुरस्कार मिला।
इसके अलावा अभिनेता को अपनी अलग-अलग फिल्मों के लिए कई पुरस्कार मिले और अब उनकी पुरस्कार सूची में पद्म भूषण भी शामिल हो गया है।