#NewsBytesExplainer: सिनेमाई दुनिया में कैसे काम कर रहा AI? रणबीर कपूर पर हो चुका ये प्रयोग
यह जमाना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का ही है। AI का चलन दुनियाभर में जोर पकड़ रहा है। यह हमारी जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है। फिल्मी दुनिया में तो इस तकनीक ने बहुत पहले अपना खेल दिखाना शुरू कर दिया था। AI का इस्तेमाल भले ही बॉलीवुड में नया हो, लेकिन हॉलीवुड में इस तकनीक का कमाल पिछले कई सालों से दिख रहा है। आइए जानें AI काम कैसे करता है और फिल्मों में इसकी क्या जरूरत है।
सबसे पहले समझिए AI है क्या
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहा जाता है। यह कम्प्यूटरीकृत मशीनों की वो क्षमता है, जो मानव दिमाग की तरह काम करती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए किसी मशीन की जरूरत नहीं होती। घरों और कार्यालयों में डिजिटल सहायक, जैसे एमेजॉन की एलेक्सा या ऐपल की सिरी, रोजमर्रा की जिंदगी में AI के उदाहरण हैं। एक बेहतर यात्रा के लिए हम अक्सर GPS का सहारा लेते हैं। यहां भी AI तकनीक इस्तेमाल होती है।
ये फिल्में समझा देंगी क्या होता है AI
AI पर कई हॉलीवुड फिल्में बन चुकी हैं। 'द मैट्रिक्स' में इसका जबरदस्त कमाल देखने को मिला। 'ब्लेड रनर' में भी AI से जुड़ीं कई हैरतअंगेज चीजें दिखाई गई थीं। इस फेहरिस्त में 'स्टार वार्स', 'एवेंजर्स' और ' द टर्मिनेटर' का नाम भी शामिल है।
कैसे काम करता है AI?
AI से एक मरे हुए किरदार को जिंदा तक किया जा सकता है। कलाकार की पुरानी फिल्मों, वीडियो और तस्वीरों के विजुअल्स को इकट्ठा कर AI की मदद से एक वर्चुअल मॉडल तैयार किया जाता है, जिसे फिल्मों में इस्तेमाल किया जाता है। AI की मौजूदगी में बॉडी डबल की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। मतलब यह कि अब तक जो जाेखिम भरे काम या इंटीमेट सीन फिल्मों में बॉडी डबल करते थे, वो अब बहुत जल्द डिजिटल डबल करने लगेंगे।
डिजिटज डबल है क्या?
VFX कंपनी चलाने वाले सैम भट्टाचार्जी के मुताबिक, डिजिटल डबल AI के जरिए विकसित की गई एक तकनीक है, जिसकी शुरुआत हॉलीवुड में हो चुकी है। अब जल्द भारतीय सिनेमा में भी इसका इस्तेमाल होगा। सैम वो ही हैं, जिन्होंने AI तकनीक के माध्यम से भारत की पहली फिल्म बनाई है, जिसका नाम (IRAH) 'आयरा' है। यह ऐसी पहली भारतीय फिल्म है, जो सिर्फ AI की मदद से बनाई गई है। फिल्म का विषय भी AI से ही जुड़ा है।
यहां समझिए डिजिटल डबल की प्रक्रिया
इस तकनीक में कलाकार के चेहरे और शरीर को AI की मदद से पहले स्कैन किया जाता है। AI कलाकार के चेहरे से लेकर उनके हाव भाव को समझती है। फोटोगैमेट्री नाम की एक मशीन के जरिए कलाकार की बॉडी को 360 डिग्री तक स्कैन किया जाता है, फिर उससे वर्चुअली उस कलाकार की तरह दिखने वाला एक हमशक्ल तैयार किया जाता है। यह देखने में बिल्कुल इंसान की तरह दिखेगा, हालांकि उसे छुआ या महसूस नहीं किया जा सकता।
हॉलीवुड फिल्मों में AI तकनीक की मौजूदगी
हॉलीवुड फिल्मों में AI तकनीक का इस्तेमाल काफी समय से हो रहा है। बात करें डिजिटल डबल की तो बड़े सितारों संग निर्माताओं को शूटिंग के लिए तारीख तय करने में दिक्कत होती है। ऐसे में डिजिटल डबल के जरिए हॉलीवुड फिल्मों में कलाकारों के बिना ही कई मुख्य शॉट्स फिल्माए जाते हैं और सही समय पर फिल्म रिलीज के लिए तैयार हो जाती है। किसी कलाकार को उम्रदराज या जवान दिखाने के लिए भी AI तकनीक कारगर होती है।
मेकअप की भी जरूरत नहीं
किसी 100 साल के बुजुर्ग को 5 साल के बच्चे की तरह दिखाना हो या 5 साल के बच्चे को 100 साल के बुजुर्ग की तरह दिखाना हो, AI तकनीक के जरिए सबकुछ संभव है। मतलब यह कि जहां एक कलाकार के लुक को बदलने में या उसके प्रोस्थेटिक मेकअप में घंटों लगते हैं, वहीं AI के जरिए मेकअप या मेकओवर कराने के लिए घंटों बैठने की जरूरत ही नहीं है।
'एनिमल' में हो चुका AI का इस्तेमाल
संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' तो आपने देखी होगी और इसमें रणबीर कपूर के काम की तारीफ भी की होगी। अगर आपको याद हो तो फिल्म में अभिनेता के स्कूल के दिनों वाला लुक भी देखने को मिला था। शायद ही आप इस बात से वाकिफ हों कि उनका यह लुक AI तकनीक के जरिए ही विकसित किया गया था। रणबीर को इस लुक में ढालने के लिए डीएजिंग तकनीक का इस्तेमाल हुआ था, जिससे उम्र कम दिखती है।
हाल-फिलहाल में इस फिल्म में दिखी AI पर आधारित कहानी
अक्षय कुमार-टाइगर श्रॉफ अभिनीत फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' की भी कहानी AI पर आधारित है। फिल्म में विलेन बने अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन AI की मदद से रोबोट बना लेते हैं। AI का दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है, फिल्म की कहानी यही बताती है।
आने वाले दिनों में AI पर बढ़ जाएगी निर्माताओं की निर्भरता
AI वायस ओवर भी दे सकता है और फिल्मों के बैकग्राउंड में आवाज भी दे सकता है। इस तकनीक से जुड़े दिग्गजों का मानना है कि आने वाले दिनों में AI के कारण VFX का चलन कम हो जाएगा। कैमरा वर्क से लेकर स्क्रिप्टिंग तक फिल्मेकिंग के लगभग सारे काम इसी के जरिए होंगे। पुराने कलाकार, जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं या जो इस दुनिया में नहीं हैं, AI की मदद से उन्हें भी फिल्म में दिखाया जा सकेगा।