सेंसर बोर्ड रिश्वत मामला: भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अध्यक्ष प्रसून जोशी ने बुलाई आपात बैठक
दक्षिण भारतीय सिनेमा के अभिनेता विशाल अपनी फिल्म 'मार्क एंटनी' को लेकर सेंसर बोर्ड के साथ चल रहे विवाद को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, अभिनेता का आरोप है कि उनकी फिल्म उत्तर में पूरे भारत में रिलीज हुई, लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट पाने के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अधिकारियों को 6.5 लाख रुपये की रिश्वत देने पड़ी। इन आरोपों के बाद अब सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी ने आपात बैठक बुलाई है।
क्षेत्रीय अधिकारी बैठक में शामिल
रिपोर्ट्स के अनुसार, सेंसर बोर्ड के सभी क्षेत्रीय अधिकारी विशाल के आरोपों पर चर्चा करने के लिए बैठक में शामिल हुए। फिल्म निर्माण कंपनी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए अधिकारियों के खिलाफ CBI जांच की मांग की है। इन आरोपों के कारण सेंसर बोर्ड ने अभी तक आगामी हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों को मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में फिल्मों की रिलीज में देरी हो सकती है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, विशाल ने पिछले दिनों सेंसर बोर्ड पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'भ्रष्टाचार को पर्दे पर दिखाना ठीक है, लेकिन असल जिंदगी में नहीं। खासकर सरकारी दफ्तरों में और CBFC मुंबई कार्यालय में तो बुरा हाल है।' अभिनेता ने दावा किया कि उनकी फिल्म 'मार्क एंटनी' के हिंदी संस्करण के लिए उन्हें 6.5 लाख रुपये घूस देनी पड़ी, जिसमें स्क्रीनिंग के लिए 3 लाख और सर्टिफिकेट के लिए 3.5 लाख रुपये थे।
भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ने देना चाहते अपनी कमाई
विशाल का कहना था कि फिल्म के रिलीज होने के बाद उनके पास भुगतान करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि उनका सबकुछ दांव पर लगा था। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान में इस मामले को ला रहे है। ऐसा वह अपने नहीं बल्कि भविष्य में आने वाले निर्माताओं के लिए कर रहे हैं। अभिनेता का कहना था कि वह अपनी मेहनत की कमाई को भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ने देंगे।
पहलाज निहलानी ने किया था आरोपों का समर्थन
'मार्क एंटनी' के हिंदी संस्करण के लिए अधिकारियों पर लगे घूस लेने के आरोपों का CBFC के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी भी समर्थन कर चुके हैं। निहलानी ने कहा था, "यह सच है कि अभिनेता विशाल ने खुद रिश्वत देने की बात कही है। यह पुरानी प्रथा है, उन्होंने सेंसर बोर्ड को बेनकाब किया है। जब यह (केंद्र) सरकार बनी तो हमने सुना 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा', लेकिन यहां सेंसर बोर्ड में तो खुलेआम रिश्वत ली जा रही थी।"
15 सितंबर को रिलीज हुई थी 'मार्क एंटनी'
फिल्म 'मार्क एंटनी' ने 15 सितंबर को सिनेमाघरों का दरवाजा खटखटाया था और इसका हिंदी संस्करण 28 सितंबर को रिलीज हुआ। फिल्म में विशाल, एसजे सूर्या, रितु वर्मा नजर आए और यह सभी भाषाओं में अभी तक करीब 70 करोड़ रुपये कमा चुकी है।