जयंती विशेष: नरगिस की फिल्में, जिनके बिना अधूरा है हिंदी सिनेमा का स्वर्ण युग
क्या है खबर?
नरगिस दत्त हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम युग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी में से एक हैं। 50-60 के दशक में बॉलीवुड की यादगार फिल्मों के बारे में बात करें, तो उनमें से अधिकतर फिल्में नरगिस की ही होती हैं।
पर्दे पर राज कपूर के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी।
नरगिस का जन्म 1 जून, 1929 को कोलकाता में हुआ था। उनकी जयंती के मौके पर नजर डालते हैं उनकी यादगार फिल्मों पर।
#1
'मदर इंडिया'
नरगिस 28 साल की थीं जब उन्होंने फिल्म 'मदर इंडिया' में शानदार परफॉर्मेंस दी थी।
फिल्म 1957 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म ऑस्कर के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी। इसके लिए नरगिस ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता था।
कहा जाता है कि इस फिल्म ने ही नरगिस को सुनील दत्त के करीब लाने का काम किया था।
यह फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।
#2
'आवारा'
1951 में आई इस फिल्म में नरगिस, राज कपूर के साथ पर्दे पर नजर आई थीं। यह बॉलीवुड की सबसे चर्चित और यादगार फिल्मों में से एक है।
राज कपूर के निर्देशन में बनी यह फिल्म
फिल्म में राज कपूर ने एक ऐसे युवक का किरदार निभाया था जिसकी परवरिश झुग्गी में हुई है। फिल्म इसी किरदार के संघर्षों को दिखाती है। फिल्म में मुख्य भूमिका में नरगिस ने शानदार अभिनय किया था।
फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर मौजूद है।
#3
'श्री 420'
'श्री 420' बॉलीवुड की यादगार फिल्मों में से एक है। यह 1955 में रिलीज हुई थी।
फिल्म में नरगिस, राज कपूर के साथ नजर आई थीं। फिल्म का निर्देशन भी राज कपूर ने किया था। फिल्म भ्रष्टाचार और लालच पर कटाक्ष करती है। फिल्म मुख्य रूप से अपने गानों की वजह से यादगार है। 'इचक दाना', 'मेरा जूता है जापानी' जैसे गाने आज भी पसंद किए जाते हैं।
इस फिल्म को यूट्यूब पर देखा जा सकता है।
#4
'बरसात'
1949 की इस फिल्म से राज कपूर ने अपने निर्देशन की शुरुआत की थी। फिल्म में राज कपूर, नरगिस और प्रेम नाथ मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
'बरसात' 2 ऐसे दोस्तों की कहानी थी, जो छुट्टियां मनाने के लिए पहाड़ों पर जाते हैं। वहां वे दो लड़कियों के प्यार में पड़ जाते हैं। उनके रिश्ते सामाजिक बंधन, गलतफहमी और अनेक मुश्किलों से गुजरते हैं।
यह फिल्म यूट्यूब पर मौजूद है।
#5
'अंदाज'
लव ट्रायंगल पर आधारित इस फिल्म में नरगिस, राज कपूर और दिलीप कुमार के साथ नजर आई थीं। फिल्म में नरगिस दिलीप कुमार के किरदार की मंगेतर हैं, लेकिन राजन (कपूर) भी उसके प्रति आकर्षित होता है।
फिल्म दोस्ती, प्यार, साजाजिक बंधन और जिम्मेदारियों के टकराव को दिखाती है।
फिल्म में नरगिस और दिलीप कुमार की केमिस्ट्री को खूब पसंद किया गया था।
1949 में आई यह फिल्म एरोज नाऊ पर देखी जा सकती है।