
क्या है आदि कर्मयोगी अध्ययन, जिसे IIT-IIM और AIIMS जैसे संस्थानों में शुरू किया गया?
क्या है खबर?
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आदिवासी युवाओं का मार्गदर्शन और उनको सशक्त बनाने के लिए 'आदि कर्मयोगी छात्र अध्ययन' की पहल की है। इस पहल से भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (AIIMS) को जोड़ा गया है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा आदिवासी नेतृत्व आंदोलन बताया जा रहा है। इस पहल के क्या मायने हैं और यह छात्रों के लिए कैसे फायदेमंद है? आइए जानते हैं।
पहल
पहले जानिए, ये अध्ययन क्या है?
आदि कर्मयोगी छात्र अध्ययन, आदि कर्मयोगी अभियान का हिस्सा है, जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को जनजातीय गौरव वर्ष (नवंबर 2024-2025) के दौरान एक प्रमुख पहल के रूप में की है। इस पहल का उद्देश्य पूरे भारत में आदिवासी युवाओं को नेता, नवप्रवर्तक, उद्यमी और सामाजिक परिवर्तन के एजेंट के रूप में सशक्त बनाना है। कार्यक्रम को IIT-दिल्ली में भगवान बिरसा मुंडा प्रकोष्ठ के जरिए संचालित किया जाएगा, जो एक नोडल केंद्र के रूप में काम करेगा।
संस्थान
अध्ययन के लिए किन-किन संस्थानों को चुना गया?
कार्यक्रम के पहले चरण में IIT दिल्ली, IIT खड़गपुर, IIT धारवाड़, IIT हैदराबाद, IIM सिरमौर, IIM नागपुर, AIIMS नागपुर, AIIMS गोरखपुर, AIIMS भटिंडा और VMMC-सफदरजंग अस्पताल, IISER मोहाली, SVNIRTAR, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) त्रिवेंद्रम, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DTU), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) दिल्ली, पटना, रायपुर, पुडुचेरी और मेघालय, IIITDM कुरनूल, BIT मेसरा, NERIST अरुणाचल प्रदेश, श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट और RGNUL पटियाला, IHM कुफरी, थरामनी, पूसा, भोपाल और भुवनेश्वर समेत कई संस्थान शामिल हैं।
अध्ययन
छात्र अध्ययन क्या करेंगे?
छात्र अध्ययन के जरिए आदिवासी विकास के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित और स्वदेशी समाधानों को प्रोत्साहित करना, आदिवासी-नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए 50 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड तक पहुंच सक्षम करना, पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम करना, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) और आश्रम विद्यालयों से जोड़ना, गांवों को गोद लेने को बढ़ावा देना, इंटर्नशिप-फेलोशिप की सुविधा प्रदान करना, प्रमाणपत्र प्रदान करना, सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन और फ्रंटियर प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करना और गांवों के लिए विजन 2030 योजनाएं बनाएंगे।
अवसर
इंटर्नशिप की सुविधा भी मिलेगी
ये अध्याय जनजातीय कार्य मंत्रालय, राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों के साथ इंटर्नशिप की सुविधा भी प्रदान करेंगे। इस दौरान उल्लेखनीय प्रभाव डालने वाले छात्र नेताओं और मार्गदर्शकों को पुरस्कारों के माध्यम से सम्मानित भी किया जाएगा। IIT दिल्ली में इसकी शुरूआत हो चुकी है। IIT दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी का कहना है कि यह मार्गदर्शन, नवाचार और आदिवासी क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले समाधान तैयार करने का एक मंच है।