उत्तर प्रदेश बोर्ड: यूट्यूब से पढ़ाई करते थे 12वीं के टॉपर शुभ, जानिए उनकी कहानी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPSEB) ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम जारी किया है। इस परीक्षा में महोबा के रहने वाले शुभ चपरा ने पूरे प्रदेश में टॉप किया है। उन्होंने 500 में से 489 अंक (97.80 प्रतिशत) हासिल किए हैं। उनकी इस सफलता पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। शुभ ने अपने परिवार और शिक्षकों को सफलता का श्रेय दिया है। आइए जानते हैं शुभ की सफलता का राज।
यूट्यूब से पढ़ाई करते थे शुभ
आज तक के अनुसार, 12वीं के टॉपर शुभ चपरा ने बताया, "मैं मेहनत से पढ़ाई की, कठिन विषयों को समझने के लिए यूट्यूब पर उपलब्ध शैक्षिक वीडियो का इस्तेमाल किया। यूट्यूब के जरिए मैंने अपना ज्ञान बढ़ाया है। मैं प्रतिदिन 7 से 8 घंटे पढ़ाई करता था। मेरा साल भर फोकस रिवीजन पर रहा। मैं समय-समय पर प्रत्येक विषय का रिवीजन करता था।" शुभ ने बताया कि उन्हें परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने की पूरी उम्मीद थी।
शुभ के पिता है व्यवसायी
शुभ के पिता का नाम सुरेंद्र चपरा है। शुभ ने अपनी पढ़ाई महोबा के चरखारी कस्बे के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से की। शुभ के पिता व्यवसायी है और मां ग्रहणी है। शुभ के 2 भाई शिक्षक हैं। शुभ ने बताया, "तैयारी के दौरान मेरे परिवार ने बहुत साथ दिया। उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया। जब में हताश हुआ तो उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया, इसकी बदौलत ही मैं प्रदेश में टॉप कर पाया।"
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं शुभ
शुभ ने अपने भविष्य के प्लान के बारे में बताते हुए कहा, "मैं संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की तैयारी कर देश सेवा करना चाहता हूं।" उन्होंने छात्रों को टिप्स देते हुए कहा कि हर दिन प्रयास से सफलता जरूर मिलती है और अच्छा परिणाम आता है। लगातार तैयारी करते रहिए। सफलता एक दिन में नहीं मिलती। सफलता के लिए निरंतरता जरूरी है। पढ़ाई के लिए यूट्यूब की मदद लें।
जानिए अन्य टॉपरों के बारे में
12वीं बोर्ड की परीक्षा में दूसरा स्थान पीलीभीत के सौरभ गंगवार और इटावा की अनामिका ने हासिल किया है। दोनों परीक्षार्थियों ने 500 में से 486 अंक (97.20 प्रतिशत) हासिल किए हैं। तीसरे नंबर पर फतेपुर के प्रियांशु उपाध्याय, खुशी और सिद्धार्थनगर की सुप्रिया हैं, जिन्होंने 500 में से 485 अंक यानि 97 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। 12वीं छात्राओं का पास प्रतिशत (80%) लड़कों के पास प्रतिशत (69.34%) से ज्यादा रहा।