UGC ने MPhil और PhD के शोध पत्र जमा करने की अवधि छह महीने बढ़ाई
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में शोध और अनुसंधान कर रहे छात्रों को एक बड़ी राहत दी है। कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए समय के नुकसान को देखते हुए UGC ने MPhil और PhD पाठ्यक्रमों के शोधार्थियों को अपने शोध और अनुसंधान की थीसिस जमा करने के लिए छह महीने की अतिरिक्त छूट दी है। इस संबंध में UGC की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।
UGC के अध्यक्ष ने ट्वीट कर दी जानकारी
UGC के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा, "कोविड-19 महामारी के दौरान समय के नुकसान को देखते हुए UGC ने इस बात की मंजूरी दी है कि उच्च शिक्षण संस्थान (HEI) छात्रों के कार्यो की समीक्षा करने के बाद केस दर केस MPhil या PhD के लिए शोध पत्र (थीसिस) जमा करने की अवधि को छह महीने के लिए बढ़ा सकते हैं।"
30 जून के बाद छह महीने के अंदर जमा कर सकते हैं शोध पत्र
बता दें कि 6 मई, 2022 को इस संबंध में हुई बैठक में UGC ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके तहत किसी छात्र को MPhil या PhD के शोध पत्र जमा करने के लिए 30 जून के बाद छह महीने तक का समय दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि शोध परामर्श समिति की तरफ से छात्रों के कार्यो की समीक्षा करने और प्रत्येक मामले में विभागाध्यक्ष और निरीक्षक की सिफारिश के आधार पर यह अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
शोध पत्र जमा करने के लिए पहले भी बढ़ाई जा चुकी है तारीख
बता दें कि रिसर्च स्कॉलर्स के हितों को ध्यान में रखते UGC ने शोध पत्र जमा करने की तारीख 31 दिसंबर, 2021 के बाद छह महीने यानी 30 जून 2022 तक के लिए आगे बढ़ा दी थी। इससे पहले UGC ने शोध पत्र जमा करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ाई थी, लेकिन बाद में फिर से तारीख बढ़ा कर 30 जून की गई और फिर 31 दिसंबर 2021 कर दी गई।
NET और JRF से होंगे PhD की 60 प्रतिशत सीटों पर एडिमशन
UGC ने हाल ही में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसके मुताबिक PhD की 60 प्रतिशत सीटों पर नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) और जूनियर रिसर्च फैलोशिप (JRF) पास कर चुके उम्मीदवारों का दाखिला लिया जाएगा। इसके अलावा 40 प्रतिशत सीटों पर कंबाइन रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (CRET) में पास होने वाले उम्मीदवारों को एडमिशन मिलेगा। UGC के इस फैसले से NET और JRF पास कर चुके उम्मीदवारों के बड़ी राहत मिली है।