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साल 2017 से 2,400 से अधिक IIT के छात्रों ने बीच में ही छोडी अपनी पढ़ाई

साल 2017 से 2,400 से अधिक IIT के छात्रों ने बीच में ही छोडी अपनी पढ़ाई

Jul 30, 2019
07:15 pm

क्या है खबर?

इंजीनियरिंग छात्रों के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) काफी लोकप्रिय है। इनमें प्रवेश लेना भी कोई आसान बात नहीं हैं, लेकिन फिर भी कई छात्र इसमें प्रवेश लेने के बाद आधे में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। पिछले सप्ताह मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में 2,461 छात्रों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में अपनी पढ़ाई आधी ही छोड़ दी है। आइए जानें क्या है पूरी खबर।

IIMs

IIMs के इतने छात्रों ने बीच में छोड़ी पढ़ाई

IITs छोडने वाले 2,461 छात्रों में से 371 अनुसूचित जाति (SC) से, 199 अनुसूचित जनजाति (ST) से और 601 अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि अगर हम भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIM) की बात करें, तो उसमें बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले 99 छात्रों में से 14 अनुसूचित जाति से, 21 अनुसूचित जनजाति से और 27 अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के थे।

IITs

इन IITs से हैं अधिकांश छात्र

इस अवधि में बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वाले अधिकांश छात्र IIT दिल्ली (782) से हैं। उसके बाद IIT खड़गपुर (622) और IIT बॉम्बे (263) के अधिकांश छात्र हैं, जिन्होंने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। ये वे IITs हैं, जिसमें प्रवेश लेने के लिए छात्र बहुत मेहनत करत हैं। अधिकतम ड्रॉपआउट पेस्ट ग्रेजुएशन और PHD कार्यक्रमों से थे। एक वर्ष में 13,000 से अधिक छात्र IIT में प्रवेश लेते हैं।

कारण

क्या है इसका कारण

NDTV की एक खबर के अनुसार मंत्री के कहा कि अन्य कॉलेजों/संस्थानों, व्यक्तिगत कारण, मेडिकल कारण, PG पाठ्यक्रमों के दौरान प्लेसमेंट और विदेश में उच्च शिक्षा आदि इसका कारण हो सकते हैं। इसके साथ ही मंत्री ने ये भी कहा कि अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में ड्रापआउट के कारणों में गलत चुनाव, खराब शैक्षणिक प्रदर्शन, व्यक्तिगत और मेडिकल आदि कारण शामिल हो सकते हैं। इन कारणों से छात्रों ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।