जुलाई में ग्रीन और ऑरेंज जोन में इन क्लासेज के लिए खुल सकते हैं स्कूल
कोरोना वायरस संकट के कारण देश में मार्च से बंद स्कूलों को जुलाई में खोला जा सकता है। सरकार जोन के हिसाब से स्कूलों को खोलने की योजना बना रही है। सबसे पहले ग्रीन और ऑरेंज जोन में स्कूल खोले जाएंगे। बड़े छात्रों के लिए क्लासेज फिर से शुरू होंगी और प्राइमरी क्लासेज कोरोना वायरस महामारी स्थिति सामान्य होने पर ही लगाईं जाएंगी। स्कूलों में दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा ताकि छात्रों को संक्रमण से बचाया जा सके।
छोटे बच्चों को अभी घर रहकर ही करनी होगी पढ़ाई
छोटे बच्चों के लिए स्कूल न खोलने का फैसला उनकी सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है क्योंकि वे कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं कर सकते हैं। ऐसे में अगर उनके लिए स्कूल खोल दिए गए तो उनकी सुरक्षा करना मुश्किल हो सकता है। इस कारण उन्हें अभी घर पर रहकर ही पढ़ाई करनी होगी और स्कूलों के दोबारा खुलने तक इंतजार करना होगा।
इन क्लासेज के लिए खुलेंगे स्कूल
जुलाई में 8वीं-12वीं तक के छात्रों के लिए रेगुलर क्लासेज शुरू हो सकती हैं। बाकी के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेज ही लगाई जाएंगी। मई की शुरुआत में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने स्कूलों के शिक्षकों से बातचीत की थी और कहा था कि केवल 30 प्रतिशित छात्रों के साथ ही क्लासेज फिर से लगेंगी। प्रत्येक क्लास को 15 से 20 छात्रों के बैच में बांटा जाएगा और प्रत्येक बैच को एक-एक दिन छोड़कर बुलाया जाएगा।
स्कूल खुलने के लिए तैयार किए जा रहे दिशा-निर्देश
मानव संसाधन विकास मंत्रालय राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के साथ मिलकर स्कूलों को फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है। लॉकडाउन खुलने के बाद क्लासेस में छात्रों के सीटिंग अरेंजमेंट और साफ-सफाई के लिए कई दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे। छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और दो छात्रों को छह फीट की दूरी पर बैठाया जाएगा।
मास्क पहनना होगा अनिवार्य
छात्रों को क्लासेज में मास्क पहनना अनिवार्य होगा। शुरूआत में स्कूल कैंटीन नहीं खुलेगी और छात्रों को अपना खाना घर से लाने के लिए कहा जाएगा। पहले कुछ महीनों में मॉर्निंग असेंबली भी प्रतिबंधित रहेगी। स्कूल कैंपस में विभिन्न जगहों पर हैंड सैनिटाइजेशन स्टेशन होंगे। इसके साथ ही माता-पिता को स्कूल के अंदर आने की अनुमति नहीं होगी। कैंपस में आने के लिए कई गेट होंगे ताकि भीड़ इकट्ठा न हो पाएं। इसके अलावा क्लासरूम को भी सैनेिटाईज किया जाएगा।
विदेशों में भी खुल रहे स्कूल
दुनिया भर के देशों में विभिन्न तरीकों से स्कूलों को फिर से खोला जा रहा है ताकि छात्रों की पढ़ाई का और अधिक नुकसान न हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नॉर्वे, डेनमार्क, पोलैंड और फ्रांस जैसे देशों में भी लॉकडाउन के बाद फिर से स्कूल खुल गए हैं। यहां भी बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोने जैसे उपाय अपनाएं जा रहे हैं।