UP 68,500 शिक्षक भर्ती: खतरे में है नये पास हुए अभ्यर्थियों की नियुक्तियां, जानें कारण
हाल ही में उत्तर प्रदेश परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट जारी किया गया था। इस परीक्षा में लगभग 4,688 नये अभ्यर्थी पास हुए हैं, जिनकी नियुक्तियां होनी है, लेकिन अब इन अभ्यर्थियों की नियुक्तियों पर खतरा मंडरा रहा है। इसमें शामिल छात्र काफी लंबे समय से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक इन अभ्यर्थियों की नियुक्तियां अभी लटक सकती हैं। आइए जानें पूरी खबर।
क्या है कारण
इन नियुक्तियों के लटकने का कारण आचार संहिता को बताया जा रहा है। अगर शासन ने इसमें तेजी नहीं दिखाई तो लोकसभा चुनाव के बाद ही इन अभ्यर्थियों की तैनाती हो सकेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मार्च के पहले सप्ताह में ही चुनाव की आचार संहिता लागू हो सकती है। बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार ने रिजल्ट आने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कराने का ऐलान किया था।
भर्ती की रफ्तार है बहुत धीमी
शिक्षक भर्ती की रफ्तार बहुत धीमी है। जैसे-तैसे तो पांच महीने में रिजल्ट आया। पहले 17 फरवरी, 2019 को पास हुए अभ्यर्थियों की संख्या बताई गई। फिर 18 फरवरी, 2019 को वेबसाइट पर नंबर अपलोड किए गए। अभी चयनित अभ्यर्थियों की सूची परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय नहीं भेजी गई है। अभी सूची भेजी जाएगी। उसके बाद आवेदन लेकर चयनित अभ्यर्थियों को जिला आवंटन होगा। फिर काउंसिलिंग के बाद नियुक्ति पत्र देकर विद्यालय दिया जाएगा।
अफसरों का ये है कहना
अफसरों का यह भी कहना है कि जब प्रक्रिया शुरू हो जाएगी तो उसके बाद आचार संहिता से वह नहीं रुकेगी। वहीं कुछ अफसर यह भी कहते हैं कि ये नियुक्ति का मामला है, इसलिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी और आयोग नियुक्तियों में अनुमति नहीं देता है। परिषद सचिव रूबी सिंह का कहना है कि वे चयन सूची का इंतजार कर रही हैं और शासन इस भर्ती को लेकर काफी गंभीर है। इसलिए ज्यादा समय नहीं लगेगा।