QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग जारी, देश में शीर्ष स्थान पर रहा दिल्ली विश्वविद्यालय
क्या है खबर?
आज (5 दिसंबर) QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग, 2024 जारी हुई। इसमें टोरंटो विश्वविद्यालय को दुनियाभर में पहला स्थान मिला है।
दूसरे स्थान पर कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और तीसरे स्थान पर मैनचेस्टर विश्वविद्यालय है।
रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों को भी स्थान मिला है। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) भारत में सबसे शीर्ष स्थान पर रहा। विश्वविद्यालय को रैंकिंग में 220वां स्थान मिला है।
आइए जानते हैं कि QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन कैसा रहा।
भारतीय
शीर्ष 200 में कोई भारतीय विश्वविद्यालय शामिल नहीं
वैश्विक सस्टेनिबिलिटी रैंकिंग में भारत अन्य देशों से काफी पीछे रहा। इस बार रैंकिंग में कोई भी भारतीय शिक्षा संस्थान शीर्ष 200 में अपनी जगह नहीं बना सका।
दिल्ली विश्वविद्यालय के बाद 303वें नंबर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे को रखा गया है।
IIT मद्रास 344वें, IIT खड़गपुर 349वें और IIT रुड़की 387वें नंबर पर है।
IIT दिल्ली को 426वां और पिलानी स्थित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस को 444वां स्थान मिला है।
विश्वविद्यालय
ये भारतीय विश्वविद्यालय भी हैं शामिल
रैकिंग में वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) का नाम भी शामिल है, इसे 449वां स्थान मिला है।
अन्ना यूनिवर्सिटी को 496वें और भारतीय विज्ञान संस्थान को 505वें स्थान पर रखा गया है।
रैंकिंग में अलग-अलग संकेतकों में विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन की जानकारी भी दी गई है।
रैंकिंग के समानता संकेतक में मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन को 463वां स्थान मिला है, ये दुनिया के शीर्ष 500 संस्थानों में शामिल एकमात्र भारतीय संस्थान है।
रैंकिंग
पर्यावरणीय संकेतकों में भारत ने किया बेहतर प्रदर्शन
इस रैंकिंग में कुछ संकेतक किसी संस्थान की स्थिरता और जलवायु रणनीतियों के प्रति प्रतिबद्धता को मापते हैं।
भारत ने पर्यावरणीय प्रभाव से संबंधित इन संकेतकों में बेहतर प्रदर्शन किया है। पर्यावरणीय संकेतक में 4 भारतीय विश्वविद्यालयों ने दुनिया के शीर्ष 100 संस्थानों में जगह बनाई है।
इनमें वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी 49वें नंबर पर है। दिल्ली विश्वविद्यालय को 66वां, IIT मद्रास को 70वां और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी को 81वां स्थान मिला है।
सलाह
भारत को है अनुसंधान क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता- सॉटर
QS के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने कहा कि भारत, दुनिया के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जकों में से एक है और 2070 तक शून्य उत्सर्जन के संकल्प को पूरा करने के लिए बड़ी जिम्मेदारी निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसमें भारतीय विश्वविद्यालयों की भी अहम भूमिका है। हालांकि, भारत में पर्यावरण अनुसंधान और समानता से संबंधित चुनौतियां बनी हुई हैं। विश्वविद्यालयों को अपनी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए निवेश करने की आवश्यकता है।
जानकारी
ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन रहा सबसे अच्छा
इस रैंकिंग में समग्र रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया का नाम शामिल हैं। शिक्षा के प्रभाव के मामले में दुनिया के शीर्ष स्कोरिंग संस्थान ऑस्ट्रेलिया के हैं। इसने सामाजिक प्रभाव श्रेणी के लिए भी उच्चतम स्कोर हासिल किए हैं।