NEET टॉपर तनिष्का ने बताए सफलता के राज, JEE मेन में भी किया था कमाल
हरियाणा के नारनौल शहर की तनिष्का ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर ग्रेजुएशन (NEET UG) में पहला स्थान हासिल किया है। इस परीक्षा में 720 में से 715 अंक लाने वाली तनिष्का ने मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा पेशा है जिसमें आप दूसरों की मदद करके खुद को स्थापित कर सकते हैं। आइए अब जानते हैं कि उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति कैसे की।
बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही हैं तनिष्का
18 वर्ष की तनिष्का बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही हैं। उन्होंने कक्षा 10 में 96.4 प्रतिशत और कक्षा 12 में 98.6 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। उन्होंने दो साल पहले प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए राजस्थान के कोटा शहर का रूख किया जहां कोचिंग संस्थान में रहकर उन्होंने परीक्षा की तैयारी की। इस बार आयोजित हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मेन में भी वह शामिल हुई थीं जिसमें उनके 99.50 पर्सेंटाइल आए थे।
तनिष्का के माता-पिता ने कभी नहीं डाला अंकों का दबाव
NEET UG टॉपर तनिष्का मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं और उनके माता-पिता सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं। तनिष्का कहती हैं कि कभी-कभी वह किसी टेस्ट या अभ्यास मॉक टेस्ट में खराब प्रदर्शन करने के बाद बहुत निराश हो जाती थीं, लेकिन ऐसे समय में उसके माता-पिता ने उनका साथ दिया। वह कहती हैं कि उनके माता-पिता ने उन पर कभी भी अंकों के लिए दबाव नहीं डाला और सकारात्मकता के साथ तैयारी के लिए प्रेरित किया।
कोचिंग और स्कूल की पढ़ाई के अलावा 6-7 घंटे सेल्फ-स्टडी करती थीं तनिष्का
तैयारी की अपनी रणनीति के बारे में बात करते हुए तनिष्का ने कहा कि कि उन्होंने NEET UG को पास करने के लिए कोचिंग और स्कूल की पढ़ाई के अलावा प्रतिदिन छह से सात घंटे सेल्फ-स्टडी की। जब उनसे यह पूछा गया कि सफलता के लिए उनका फॉर्मूला क्या रहा तो उन्होंने बताया कि जब तक किसी टॉपिक का कंसेप्ट उन्हें समझ नहीं आता, तब तक सवाल पूछते रहने में वह संकोच नहीं करती हैं।
कक्षा में पढ़ाए गए विषयों का रिवीजन करना है जरूरी- तनिष्का
तनिष्का ने कहा कि यह उनकी जिज्ञासु प्रकृति और शंकाओं को हल करने के लिए सवाल पूछने की आदत थी जिसने उन्हें पहली रैंक हासिल करने और NEET टॉपर बनने में मदद की। वह कहती हैं कि कक्षा में पढ़ाई करने के बाद पढ़ाए गए विषयों को दोहराना (रिवीजन) जरूरी है और जैसे-जैसे परीक्षा की तारीख करीब आती जाए, वैसे-वैसे सिलेबस पूरा करने की बजाय रिवीजन पर ध्यान देना चाहिए।
AIIMS दिल्ली में एडमिशन लेने चाहती हैं तनिष्का
NEET UG में 99.99 पर्सेंटाइल अंक हासिल कर प्रथम रैंक लाने वाली तनिष्का का सपना है कि उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज यानी दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में एडमिशन मिले। उन्होंने कहा कि AIIMS में एडमिशन मिलने के बाद उनका कार्डियो, न्यूरो या ऑन्कोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल करके उसी स्ट्रीम में करियर बनाने का सपना है।