NCERT की 12वीं की किताबों में किया गया बदलाव, 'आजाद कश्मीर' शब्द हटाकर PoJK किया गया
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने 12वीं की 'राजनीतिक विज्ञान' और 'स्वतंत्रता के बाद भारत में राजनीति' पाठ्यपुस्तकों में कुछ बदलाव किए हैं। बदलाव में जम्मू-कश्मीर, चीन-भारत का सीमा संघर्ष, बाबरी मस्जिद, गुजरात दंगे और धारा 370 जैसे विषय शामिल हैं। इनमें कुछ शब्दों को हटाया और कुछ को जोड़ा गया है। NCERT की किताब में बदलाव इस साल अप्रैल में प्रस्तावित थे, जिन्हें अंतिम रूप दिया गया है। आगामी शैक्षणिक वर्ष में यह पढ़ने को मिलेगा।
आजाद कश्मीर को हटाकर PoJK किया गया
स्वतंत्रता के बाद भारत में राजनीति पाठ्यपुस्तक से 'आजाद कश्मीर' शब्द को हटा दिया गया है। इसकी जगह 'पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर' शब्द को जोड़ा गया है। आज तक के मुताबिक, किताब के पेज संख्या 119 में पहले कहा गया था कि भारत दावा करता है कि इसमें अवैध कब्जा है और पाकिस्तान इसे आजाद कश्मीर कहता है। अब किताब में कहा गया है, "इस भारतीय क्षेत्र में पाकिस्तान का कब्जा है, जिसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) कहते हैं।"
भारत और चीन सीमा को लेकर क्या है जिक्र?
राजनीतिक विज्ञान की पुस्तक में 'चीन के साथ भारत की सीमा स्थिति' नाम के पाठ में पहले कहा गया था कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर सैन्य संघर्ष ने उम्मीद को खत्म कर दिया है। अब इसमें बदलाव करके सैन्य संघर्ष शब्द हटा दिया गया है। वाक्य में कहा गया है, "भारतीय सीमा पर चीन की घुसपैठ ने उम्मीद को खत्म कर दिया है।" किताब में जम्मू-कश्मीर की धारा 370 को लेकर भी बदलाव किया गया है।
बाबरी मस्जिद, गुजरात दंगे और धारा 370 को लेकर क्या हुए बदलाव
पहले किताब में कहा गया था कि अधिकतर राज्यों के पास समान शक्तिया हैं, लेकिन कुछ राज्यों, पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर को विशेष प्रावधान दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 अगस्त 2019 में हटा दी गई। किताब में अब कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को राष्ट्रपति ने हटा दिया है। किताब में गुजरात दंगों की जगह अब 'मुस्लिम विरोधी दंगे' लिखा गया है और बाबरी मस्जिद को '3 गुंबद ढांचा' बताया गया है।
NCERT का क्या कहना है?
NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने स्कूली पाठ्यक्रम के भगवाकरण के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद के संदर्भों को बदला गया है क्योंकि दंगों के बारे में पढ़ने से हिंसक और उदास नागरिक पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "क्या दंगों के बारे में छोटे बच्चों को पढ़ाना चाहिए, ताकि वे आक्रामक हो जाएं और समाज में नफरत पैदा करें? वे बड़े होने पर यह जान सकते हैं।"