इंजीनियरिंग के आधे छात्रों को नहीं मिल रही नौकरी, IIT वालों की भी नहीं हुई प्लेसमेंट
जब भी आप कोई प्रोफेशनल कोर्स करते हैं, तो आप हमेशा ये सोचते हैं कि आप उस कॉलेज से प्लेसमेंट लेकर ही निकलें। लेकिन कई ऐसे छात्र हैं, जिन्हें कॉलेज से प्लेसमेंट नहीं मिलती है। खबर है कि इंजीनियरिंग कर रहे छात्रों में से आधे छात्रों की प्लेसमेंट नहीं हो पा रही है। इसी बीच आपको बता दें कि IIT, NIT से प्रतिष्ठित संस्थानों के भी 23% छात्रों की पढ़ाई के दौरान प्लेसमेंट नहीं हुई है। आइए जानें पूरी खबर।
केवल इतने छात्रों की हुई प्लेसमेंट
सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। अगर आंकड़ों की बात करें, तो 2017-18 में गैर एलीट संस्थानों से कोर्स करने वाले 7 लाख 93 हज़ार छात्रों में से केवल 3 लाख 59 हज़ार छात्रों की ही प्लेसमेंट हुई थी। ऐसी स्थिति ही साल 2018-19 में देखी गई। रमेश ने बताया कि इस साल IIT, NIT आदि से पास होने वाले कुल 23,298 छात्रों में से 5,352 छात्रों की प्लेसमेंट नहीं हुई।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पाठ्यक्रम के लिए मिली मंजूरी
मानव संसाधन विकास मंत्री का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद 2020-21 से इंजीनियरिंग के ऐसे पाठ्यक्रमों को अनुमति नहीं देगा, जिसमें नौकरी की कम संभावना होगी। लोकसभा में निशंक ने यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) जैसे उभरते क्षेत्र से जुड़े पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों को सरकार के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।
शशि थरूर ने कहा ये
कांग्रेस के शशि थरूर ने दावा किया कि इंडस्ट्री में की जी रही मांग और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के प्रारूप में काफी असमानता हैं। बता दें कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर इंडस्ट्री में की जा रही मांग और पाठ्यक्रम में असमानता को दूर कर दिया जाए, तो छात्रों को नौकरी के लिए पौकड़ा तलने की सलाह नहीं देनी पड़ेगी।