UPSC उम्मीदवारों के बीच प्रचलित हैं इंटरव्यू से जुड़े कई मिथक, जानें इनकी सच्चाई
क्या है खबर?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के 3 प्रमुख चरण है प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू।
IAS-IPS अधिकारी बनने के लिए इंटरव्यू के चरण को पास करना जरूरी है। ऐसे में इंटरव्यू अंतिम और बेहद महत्वपूर्ण चरण हैं। हालांकि, इंटरव्यू को लेकर उम्मीदवारों के बीच बहुत सारे मिथक मौजूद हैं।
इन अनावश्यक मिथकों से उम्मीदवारों में तनाव बढ़ता है। आइए कुछ प्रचलित मिथक और इनसे जुड़ी सच्चाई जानते हैं।
#1
अंतिम रैंक इंटरव्यू में प्राप्त अंकों पर निर्भर करती है
अधिकांश उम्मीदवारों के बीच ये मिथक प्रचलित है कि अंतिम रैंक इंटरव्यू में प्राप्त अंकों पर निर्भर करती है, लेकिन ऐसा नहीं है।
परीक्षा के परिणाम में मुख्य परीक्षा के प्राप्त अंकों का ज्यादा महत्व होता है।
इंटरव्यू में शीर्ष स्कोर का मतलब ये नहीं है कि उम्मीदवार की पहली रैंक आए।
अगर आपके मुख्य परीक्षा में ज्यादा अंक हैं और इंटरव्यू में आपको कम अंक मिले हैं तो भी आपकी अंतिम रैंक अव्वल हो सकती है।
#2
इंटरव्यू में उम्मीदवारों के ज्ञान का परीक्षण होता है
इंटरव्यू का मुख्य उद्देश्य किसी उम्मीदवारों के ज्ञान का परीक्षण करना नहीं है।
प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के माध्यम से उम्मीदवारों के शैक्षिक ज्ञान का स्तर माप लिया जाता है।
इंटरव्यू के चरण में उम्मीदवारों के व्यक्तिगत ज्ञान का परीक्षण होता है।
इस चरण में उम्मीदवारों के व्यक्तित्व का परीक्षण जैसे सोचने और बोलने का तरीका, समस्या समाधान कौशल, पिछले कार्यानुभव और मौजूदा स्थिति को लेकर जागरूकता को जांचा जाता है।
#3
सभी प्रश्नों के उत्तर देना जरूरी है
UPSC इंटरव्यू में सभी प्रश्नों के उत्तर देना जरूरी नहीं है।
UPSC बोर्ड जानता है कि हर चीज के बारे में सब कुछ जानना संभव नही है। बोर्ड केवल ये जानना चाहता है कि आप विभिन्न परिस्थितियों को कैसे संभालेंगे।
किसी प्रश्न में गलत जानकारी देने से आपके अंक कट सकते हैं।
UPSC ईमानदारी को महत्व देता है। ऐसे में किसी सवाल का जबाव न आने पर आप माफी मांग कर जानकारी न होने की बात कह सकते हैं।
#4
इंटरव्यू बोर्ड पिछले शैक्षणिक रिकॉर्ड को महत्व देता है
UPSC सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवारों के पिछले शैक्षणिक रिकॉर्ड को कोई महत्व नहीं दिया गया है।
10वीं-12वीं और ग्रेजुएशन में औसत शैक्षणिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार भी परीक्षा में शीर्ष रैंक हासिल कर चुके हैं।
UPSC बोर्ड शिक्षा से हटकर अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देता है।
स्कूल/कॉलेज में उम्मीदवारों के औसत अंकों के बावजूद अगर UPSC बोर्ड को लगता है कि आप एक अच्छे सिविल सेवक बनने में सक्षम हैं तो वे इंटरव्यू में उच्च अंक देंगे।
#5
अंग्रेजी भाषा पर पकड़ होना जरूरी है
इंटरव्यू को लेकर एक आम मिथक ये है कि परीक्षा पास करने के लिए अंग्रेजी पर पकड़ होना जरूरी है।
ध्यान रखें कि UPSC बोर्ड अंग्रेजी शिक्षक की नहीं बल्कि सिविल सेवक की नौकरी के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की तलाश करता है।
ऐसे में आपके उत्तरों की भाषा से ज्यादा सामग्री पर ध्यान दिया जाता है।
उम्मीदवार इंटरव्यू हिंदी भाषा में भी दे सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आवेदन फॉर्म में भाषा का चुनाव सावधानी के साथ करना होगा।