गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाने के लिए IIT के छात्र को राष्ट्रपति ने दिया मेडल
क्या है खबर?
IIT रुड़की के छात्र अनंत वशिष्ठ एक गांव के वंचित छात्रों को फ्री में पढ़ाते हैं।
कल यानी 04 अक्टूबर, 2019 को उन्होंने युवा लीडरशिप के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से गोल्ड मेडल प्राप्त किया है।
अनंत एक ऐसा काम कर रहे हैं, जो उनके साथ के युवाओं को भी प्रेरित कर रहा है और उन बच्चों के लिए काफी लाभदाक है।
आइए जानें क्या है पूरी खबर।
गोल्ड मेडल
डॉ जय कृष्ण गोल्ड मेडल से किया गया सम्मानित
इस साल प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में B.Tech पूरा करने वाले 22 वर्षीय अंनत ने युवा लीडरशिप के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रतिष्ठित डॉ जय कृष्ण गोल्ड मेडल जीता है।
राष्ट्रपति कोविंद ने IIT रुड़की के 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान अंनत को मेडल से सम्मानित किया। उनके साथ-साथ उस समारोह में अन्य आठ छात्रों को भी सम्मानित किया गया है।
शुरुआत
2015 से शुरू किया था पढ़ाना
अनंत अब गुरुग्राम में मास्टर कार्ड में काम करते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने एनरोलमेंट के बाद 2015 में अपने कॉलेज के पास के कालियार गांव के गरीब और वंचित छात्रों को फ्री में पढ़ाने के लिए क्लास लगाना शुरू किया था।
उन्होंने अपने दोस्तों का ग्रुप बनाया और प्रत्येक शनिवार और रविवार को क्लास लगाना शुरू कर दिया।
उन्होंने तम्बू, ब्लैकबोर्ड, चाक, कुर्सियों की व्यवस्था की और कॉलेज से आठ किलोमीटर दूर गाँव में बच्चों को पढ़ाया।
बच्चे
पांच बच्चों से शुरू हुई थी क्लास
वशिष्ठ ने PTI को बताया कि उनके लिए गाँव के लोगों को, बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने के लिए मनाना बड़ी चुनौती थी, क्योंकि वे बाहरी व्यक्ति पर भरोसा नहीं करते थे।
हालांकि, धीरे-धीरे उन्हें अनंत के इरादों का एहसास हुआ और पांच बच्चों से पहली क्साल शुरू हुई। फिर क्लास में 15-20 बच्चे पढ़ने लगे।
उन्होंने कहा, "चार साल तक बच्चों को पढ़ाने में अच्छा लगा। मैं अब क्लास नहीं ले सकता हूं, क्योंकि मैं गुरुग्राम में हूं।"
बयान
बच्चों और समाज के कल्याण के लिए हमेशा करेंगे प्रयास
अपनी पढ़ाई से समय कैसे निकाला? ये पूछे जाने पर उन्होने कहा कि पढ़ाना उनका जुनून है और वह बच्चों और समाज के कल्याण के लिए कुछ अलग और अच्छा प्रयास करने से कभी नहीं कतराएंगे। बता दें कि गणित उनका पसंदीदा विषय है।
भविष्य
भविष्य में करना चाहते हैं ये
अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए वशिष्ठ ने कहा कि वह किसी भी संगठन या अपने स्वयं के संगठनों के साथ छात्रों को फ्री पढ़ाना जारी रखना चाहेंगे।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वे उच्च अध्ययन के लिए अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रवेश पाने का भी लक्ष्य रखते हैं। जिसके बाद अपने देश की सेवा करना उनका अंतिम लक्ष्य है।