IIM बैंगलोर और MSDE ने लॉन्च किया महात्मा गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप प्रोग्राम
क्या है खबर?
भारत सरकार के स्किल भारत अभियान के हिस्से के रूप में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) बैंगलोर और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) ने संयुक्त रूप से 'महात्मा गांधी नेशनल फैलोशिप' (MGNF) नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है।
उम्मीदवार इस कार्यक्रम में शामिल होकर काफी कुछ सीख सकते हैं। IIM-B और MSDE की ये पहल छात्रों के लिए काफी लाभदायक होगी।
आइए जानें इस कार्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए होनी चाहिए क्या पात्रता।
जानकारी
क्या है यह फैलोशिप?
IM-B के सेंटर ऑफ पब्लिक पॉलिसी (CPP) द्वारा ये कार्यक्रम कराया जाएगा। ये पूरे दो साल का है।
MGNF को गुजरात, कर्नाटक, मेघालय, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पायलट आधार पर लॉन्च किया जाएगा।
इसका मुख्य लक्ष्य जिला स्तर की अर्थव्यवस्था में चुनौतियों और बाधाओं की पहचान करना और स्किल गेप के कारण विकास और विकास में बाधा डालने वाले कारकों को संबोधित करना है।
उम्मीदवार IIM-B फैक्ल्टी के मेंटरशिप के तहत स्थानीय क्षेत्र में सीखने में सक्षम होंगे।
जानकारी
इस प्रोग्राम में शामिल होने वाले को दिया जाएगा ये
महात्मा गांधी नेशनल फैलोशिप प्रोग्राम करने वाले वे उम्मीदवार को जो अपनी व्यस्तता के साथ-साथ पाठ्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने करेंगे, उन्हें IIM बैंगलोर की तरफ से पब्लिक पॉलिसी और मैनेजमेंट में एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
उद्देश्य
क्या है इसका उद्देश्य?
IIM-B के निदेशक जी रघुराम का कहना है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप कार्यक्रम का उद्देश्य युवा, प्रतिबद्ध और गतिशील व्यक्तियों के एक ग्रुप को पहचानना और उन्हें ट्रेंड करना है। जो मैनेजमेंट, आंत्रप्रेन्योरशिप और पब्लिक पॉलिसी में IIM-B पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इसका अनोखा डिजाइन फेलोज को IIM बैंगलोर में अकादमिक शिक्षा लेने की अनुमति देगा।
पात्रता
इस कार्यक्रम के लिए होनी चाहिए ये पात्रता
इस कार्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो।
वह भारत का नागरिक हो और उसकी आयु 21-30 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव केपी कृष्णन का कहना है कि MGNF महात्मा गांधी को उनकी तरफ से दी गई एक श्रद्धांजलि है, क्योंकि इस वर्ष उनकी 150वीं जयंती मनाई गई है।