8वीं तक अनिवार्य होगी हिंदी? जावड़ेकर ने ट्वीट कर बताई इस खबर की सच्चाई
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हिंदी विषय को 8वीं कक्षा तक अनिवार्य करने की खबर को यह कहकर स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। ऐसी खबरें आ रही थीं कि नई शिक्षा नीति के मसौदे में हिंदी को 8वीं कक्षा तक अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है। इन खबरों को जावड़ेकर ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। आइए जानें क्या है पूरी खबर।
जावड़ेकर ने ट्वीट कर दी जानकारी
जावड़ेकर ने एक ट्वीट के जरिए इस तरह की खबरों पर साफ कह दिया है कि फिलहाल इस तरह का कोई भी इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने ट्वीट में ये भी लिखा है कि नई शिक्षा नीति के लिए अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में गठित कमेटी ने किसी भी भाषा को अनिवार्य बनाने का सुझाव नहीं दिया है। मीडिया के एक वर्ग द्वारा फैलाई जा रही इस भ्रमित खबर के कारण इस स्पष्टीकरण की जरूरत महसूस की गई है।
जावड़ेकर ने ट्वीट कर बताई सच्चाई
9 सदस्यीय समिति का हुआ गठन
न्यूज रिपोर्ट में दावा किया गया था कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को के कस्तुरीरंजन कमेटी ने नई शिक्षा नीति का फाइनल ड्राफ्ट सौंपा है। इस रिपोर्ट में देश भर के लिए साइंस और गणित के समान पाठ्यक्रम की अनुशंसा की है। गौरतलब है कि प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं पद्मविभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंजन की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति का गठन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2017 का मसौदा तैयार करने के लिए किया गया है।
HRD मिनिस्ट्री ने दी कई बार डेडलाइन
HRD मिनिस्ट्री नई शिक्षा नीति तैयार होने को लेकर कई बार डेडलाइन दे चुकी है। वैसे तो इसे पिछले साल ही आना था, लेकिन इसके बाद फिर इसे 31 मार्च तक की तारीख दी गई। लेकिन इसके बाद भी फिर से पॉलिसी ड्राफ्ट बना रही कमेटी को और तीन महीने का समय दिया गया था। लेकिन तब भी जून तक भी पॉलिसी नहीं आ पाई। उसके बाद 31 दिसंबर, 2018 आखिरी तारीख तय की गई थी।