IIT समेत कई कॉलेज क्षेत्रीय भाषाओं में कराएंगे इंजीनियरिंग, IIT BHU हिंदी से करेगी शरुआत
क्या है खबर?
अब देश के इंजीनियरिंग सहित कई तकनीकी पाठयक्रमों को क्षेत्रीय भाषाओं में भी पढ़ाया जाएगा।
अगले शैक्षणिक सत्र 2021-22 में छात्रों को अपनी क्षेत्रीय भाषा में तकनीकी पाठ्यक्रम पढ़ने का मौका मिलेगा।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल की अध्यक्षता में एक उच्च समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें यह अहम और बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले से शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
बैठक में इसके अलावा भी कई अहम फैसले लिए गए।
जानकारी
कुछ IITs और NITs को किया गया सूचीबद्ध
इसके लिए शिक्षा मंत्रालय ने देश के कुछ टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs) की लिस्ट भी बनाई है, जो क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम पेश करेंगे।
इतना ही नहीं, इस बैठक में यह फैसला भी लिया गया है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) का आयोजन करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) प्रतियोगी परीक्षाओं का पाठ्यक्रम भी तैयार करेगी।
BHU
IIT BHU हिंदी से करेगी शुरुआत
द प्रिंट के अनुसार, इस फैसले के बारे में बात करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि IIT बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में हिंदी में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
अधिकारी ने यह भी बताया कि IIT BHU में हिंदी का आधार मजबूत है इसलिए यहां से इसकी शुरुआत की जा रही है। आने वाले समय में IITs, NITs और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद अन्य संस्थानों को भी चुना जाएगा।
समस्याएं
कई संस्थानों ने व्यक्त की चिंता
इस फैसले पर कुछ संस्थानों ने चिंता भी व्यक्त की है।
उनका कहना है कि क्षेत्रीय भाषाओं में स्टडी मटेरियल तैयार करना और अच्छे शिक्षक मिलना बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। साथ ही क्लासेस को भी भाषाओं के अनुसार कई भागों में बांटना होगा।
इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में किताबें उपलब्ध करना भी बड़ी समस्या है।
इस निर्णय से छात्रों को फायदा होगा, लेकिन संस्थानों के लिए यह समस्या भी बन सकता है।
UGC
UGC को दिया गया यह निर्देश
इसके साथ ही इस अहम बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को भी निर्देश दिया गया कि छात्रों को स्कॉलरशिप समय पर दी जाए और उनकी सुविधा के लिए एक हेल्पलाइन भी जल्द शुरु की जाए।
इसके जरिये वे स्कॉलरशिप से संबंधित समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे और उनकी समस्याओं का हल भी तुरंत हो पाएगा।
यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि छात्रों को स्कॉलरशिप मिलने में कोई परेशानी न हो।
JEE मेन
JEE मेन का आयोजन भी होगा क्षेत्रीय भाषाओं में
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व दिया जा रहा हो।
इससे पहले पिछले महीने रमेश पोखरियाल ने ट्विट कर बताया था कि नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) ने JEE मेन का आयोजन हिंदी, अग्रेजी और गुजराती के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कराने का फैसला लिया है।
हालांकि, IITs और NITs के फैसले के बाद इस निर्णय पर अमल किया जाएगा।