हादसे में खोया हाथ पर अखिला ने नहीं मानी हार, UPSC पास कर कायम की मिसाल
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2022 में केरल के तिरुवनंतपुरम की अखिला बीएस ने सफलता हासिल की है। अखिला की सफलता सामान्य नहीं है। उनका संघर्ष बाकी अभ्यर्थियों से कहीं ज्यादा है। अखिला दाहिने हाथ से दिव्यांग हैं, लेकिन उनके हौंसले आसमान से भी ऊंचे हैं। लगातार मेहनत और दृढ़ संकल्प के सहारे उन्होंने UPSC में 760वीं रैंक हासिल की है। उनकी उपलब्धि पर परिवार में जश्न का माहौल है।
सड़क दुर्घटना में खो दिया था हाथ
अखिला सितंबर, 2000 में सड़क हादसे का शिकार हो गई थी। उस समय उनकी उम्र महज 5 साल की थी। इस हादसे में उन्होंने अपना दाहिना हाथ खो दिया। छोटी उम्र में हाथ खोने वाली अखिला के हौंसले हादसे के बाद भी नही डगमगाए। उन्होंने अपने दैनिक कार्य बाएं हाथ से करना शुरू किया और बाएं हाथ से लिखना सीखा। अब अखिला ने 28 साल की उम्र में परीक्षा पास करके एक मिसाल कायम की है।
तीसरे प्रयास में पाई सफलता
अखिला ने साल 2019 में स्नातक पूरा करने के बाद अपनी तैयारी शुरू की। उन्होंने साल 2020 में पहली बार परीक्षा दी और प्रारंभिक परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाई। साल 2021 में भी उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा पास की। मुख्य परीक्षा में सफलता नहीं मिली तो पूरी तैयारी के साथ साल 2022 में अपना तीसरा प्रयास दिया। इस प्रयास में वे इंटरव्यू चरण तक पहुंची और अंतिम सूची में उनका नाम आ गया।
चुनौतीपूर्ण रहा तैयारी का दौर
अखिला के लिए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चुनौतीपूर्ण रहा। उन्होंने बताया "परीक्षा की तैयारी के दौरान बाएं हाथ का उपयोग करना बड़ी चुनौती थी। लंबे समय तक बैठना मेरे लिए कठिन था। मेरी कमर में दर्द होने लगता था। लगातार 3 से 4 घंटे लिखना भी मुश्किल था। इससे मेरा शरीर दुखने लगता था, लेकिन मैं दर्द को नजरअंदाज कर अभ्यास पर फोकस करती थी।" उन्होंने तैयारी के दौरान पाठ्यक्रम समझने के बाद रिवीजन पर ज्यादा फोकस किया।
शिक्षक की प्रेरणा से IAS बनने की ठानी
अखिला बताती हैं "मेरे एक शिक्षक ने मुझे कलक्टर के पेशे के बारे में बताया था। उनकी बात सुनकर मैंने IAS अधिकारी बनने की ठानी। मैंने शुरुआत में बैंगलोर में कोचिंग ली, लेकिन बाद में केरल वापस आ गई। यहां एक संस्थान से पढ़ाई में मदद ली और सेल्फ स्टडी पर फोकस किया।" अखिला रैंक सुधार के लिए अब दोबारा परीक्षा में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि जब तक अपनी पसंद की सेवा नहीं मिलेगी, तब तक कोशिश करती रहूंगी।
सफलता के लिए ऐसे की पढ़ाई
अखिला ने कहा, "मैंने 3 बार प्रारंभिक परीक्षा पास की, लेकिन 2 बार मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाई थी। इस साल मैंने अपने कमजोर क्षेत्रों पर काम किया। इसके साथ टॉपर्स का अनुसरण किया और बिना निराश हुए लगातार मेहनत की।"