
गांधी जयंती: महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े ये तथ्य परीक्षा की तैयारी में आएंगे काम
क्या है खबर?
पूरे देश में आज (2 अक्टूबर) महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मनाई जा रही है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाते हुए देश को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। आज देश गांधी जयंती के मौके पर आजादी में उनके अतुलनीय योगदान को याद कर रहा है। आइए जानते हैं गांधी के जीवन से जुड़े अहम किस्से, जो परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।
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भारत में गांधी का पहला आंदोलन था चंपारण सत्याग्रह
1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और उसके बाद उन्होंने कई आंदोलन किए। उनके द्वारा किया गया सबसे पहला आंदोलन चंपारण सत्याग्रह था, जो साल 1917 में हुआ था। उसके बाद साल 1918 में उन्होंने अहमदाबाद मिल हड़ताल और खेड़ा सत्याग्रह किया था। इन तीनों आंदोलनों के बाद पूरे देश में गांधी की पहचान बढ़ गई थी। उनका पहला प्रमुख अभियान असहयोग आंदोलन था। भूख हड़ताल, बहिष्कार और प्रदर्शन गांधी द्वारा प्रयुक्त अहिंसक प्रतिरोध के तरीके थे।
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गांधी ने 1930 में निकाला था दांडी मार्च
गांधी ने जलियांवाला बाग घटना के विरोध में 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू किया था। हालांकि, फरवरी, 1922 में गोरखपुर में हुए चौरी-चौरा कांड के बाद महात्मा गांधी ने आंदोलन को वापस ले लिया था। इसके बाद गांधी ने कोई विशेष आंदोलन नहीं किए। साल 1930 में नमक कानून को तोड़ने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इसी दौरान गांधी ने 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी शहर तक दांडी मार्च निकाला था।
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दलित समुदाय को दिया था हरिजन नाम
नमक सत्याग्रह के बाद 1931 में गांधी ने भारत में संवैधानिक सुधार पर चर्चा के लिए लंदन में आयोजित द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था। ये सम्मेलन 7 सितंबर से 1 दिसंबर 1931 तक चला था। 1932 में गांधी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की थी। 1933 में उन्होंने छुआछूत विरोधी आंदोलन चलाया था। उन्होंने ही दलित समुदाय को 'हरिजन' नाम किया था और इस नाम से एक साप्ताहिक पत्र का भी प्रकाशन शुरू किया था।
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गांधी के नेतृत्व में चला था भारत छोड़ो आंदोलन
महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक निर्णायक आंदोलन हुआ, जिसे भारत की आजादी की अंतिम लड़ाई कहा गया। इस आंदोलन को भारत छोड़ो आंदोलन या अगस्त क्रांति कहा जाता है। 8-9 अगस्त सन 1942 में इसकी शुरुआत हुई थी। यह भारत का सबसे बड़ा अहिंसक आंदोलन था। इसी आंदोलन में महात्मा गांधी ने 'करो या मरो' का नारा दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन की विस्तृत जानकारी के लिए ये लेख पढ़ें।
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गांधी ने लिखी हैं ये किताब
महात्मा गांधी ने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से कुछ किताबें छात्रों को जरूर पढ़नी चाहिए। महात्मा गांधी की आत्मकथा- सत्य के प्रयोग, हिंद स्वराज, ग्राम स्वराज, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह, मेरे सपनों का भारत उनके द्वारा लिखी प्रमुख किताबें हैं। इसके अलावा गांधी के जीवन पर कुछ किताबें लिखी गई हैं। इनमें वेटिंग फॉर द महात्मा, द लाइफ ऑफ महात्मा गांधी, गांधी बिफोर इंडिया, गांधी: द ईयर्स देट चेंज्ड द वर्ल्ड आदि बेहद प्रसिद्ध किताबें हैं।