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विश्व बैंक ने मानक बदला, 10 साल में गरीबी दर 27.1 से 5.3 प्रतिशत हुई
भारत में 10 सालों में गरीबी कम हुई है

विश्व बैंक ने मानक बदला, 10 साल में गरीबी दर 27.1 से 5.3 प्रतिशत हुई

लेखन आबिद खान
Jun 06, 2025
07:47 pm

क्या है खबर?

भारत में अत्यधिक गरीबी की दर में बड़ी कमी हुई है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2011-12 में अत्यधिक गरीबी दर 27.1 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में घटकर मात्र 5.3 प्रतिशत रह गई है। इस दौरान देश में अत्यधिक गरीबी में रहने वाली जनसंख्या 34.47 करोड़ से घटकर 7.52 करोड़ हो गई है। हालांकि, इसके पीछे एक बड़ी वजह विश्व बैंक द्वारा गरीबी की गणना करने का मानक बदलना है।

मानक

विश्व बैंक ने बदला मानक

दरअसल, विश्व बैंक ने हाल ही में गरीबी रेखा की सीमा को संशोधित करते हुए इसे 2.15 डॉलर प्रतिदिन से बढ़ाकर 3 डॉलर प्रतिदिन कर दिया है। विश्व बैंक के पुराने मानक यानी 2.15 डॉलर प्रतिदिन के आधार पर भारत में अत्यधिक गरीबी 2011-12 में 16.2 प्रतिशत से घटकर 2022 में 2.3 प्रतिशत हो गई है। इस दौरान इस रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 20.59 करोड़ से घटकर 3.3 करोड़ हो गई है।

निम्न-मध्यम-आय श्रेणी

निम्न-मध्यम-आय श्रेणी में रहने वाले भी कम हुए

निम्न-मध्यम-आय श्रेणी (LMIC) के नीचे रहने वाले भारतीयों की हिस्सेदारी भी 2011-12 में 57.7 प्रतिशत से गिरकर 2022-23 में 23.9 प्रतिशत हो गई है। इस दौरान LMIC गरीबी रेखा के तहत रहने वाले लोग 11 सालों की अवधि में 73.24 करोड़ से घटकर 34.23 करोड़ हो गए हैं। बता दें कि प्रतिदिन 4.20 डॉलर खर्च करने वालों को LMIC में रखा गया है। पहले ये सीमा 3.65 डॉलर प्रतिदिन थी।

क्षेत्र

ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सुधार 

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 69 प्रतिशत से घटकर 32.5 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 43.5 प्रतिशत से घटकर 17.2 प्रतिशत हो गई है। विश्व बैंक के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के अनुसार, भारत में गैर-मौद्रिक गरीबी 2005-06 में 53.8 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 15.5 प्रतिशत हो गई है। इसमें शिक्षा, पेयजल, स्वच्छता और बिजली जैसे 6 पैमाने शामिल हैं। नीति आयोग के अनुसार, MPI आबादी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गई।

बयान

प्रधानमंत्री ने कहा था- 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए

भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, "प्रधानमंत्री आवास योजना से 4 करोड़ लोगों के पक्के घर का सपना पूरा हुआ। उज्ज्वला योजना से 10 करोड़ घरों को धुएं से मुक्ति मिली। आयुष्मान योजना से 50 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज मिला। जन-धन योजना से 50 करोड़ गरीब लोगों के बैंक खाते खुले। पिछले 11 सालों में 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से लड़कर बाहर आए हैं।"