
भारत ने सादे चांदी के आभूषणों के आयात पर क्यों लगाया प्रतिबंध?
क्या है खबर?
भारत में शादियों और त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में केंद्र सरकार ने घरेलू निर्माताओं और रोजगार की सुरक्षा के लिए सादे चांदी के आभूषणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया है। अब इन आभूषणों को आयात करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से विशेष अनुमति लेनी होगी। यह कदम घरेलू बाजार को मजबूत करने और उच्च मांग के समय स्थानीय उद्योग को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है।
कारण
आयात में तेजी और कारण
अधिकारियों के अनुसार, अप्रैल-जून 2025 में थाईलैंड सहित कुछ देशों से बिना जड़ाऊ चांदी के आभूषणों का आयात तेजी से और अचानक बढ़ा है। यह आयात तैयार उत्पादों के रूप में भारत में आने लगा, जिससे घरेलू कीमतें कम हुईं और श्रम आधारित उद्योग पर अस्थायी रूप से दबाव बढ़ा। 10 गुना वृद्धि होने से आयात का हिस्सा 78 प्रतिशत से बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया, जिससे दुरुपयोग और अनुचित प्रथाओं की गंभीर आशंका बनी।
असर
घरेलू उद्योग और रोजगार पर असर
भारत का आभूषण क्षेत्र 43 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। त्योहार और शादी के मौसम में उत्पादन और बिक्री बढ़ती है, जिससे बाजार में व्यवसायियों की गतिविधियां बढ़ती हैं। सरकार का मानना है कि प्रतिबंध घरेलू निर्माताओं को फायदा देगा और आयातित वस्तुओं से कीमतों में अनावश्यक कटौती को रोकेगा। छोटे और मध्यम व्यवसायों को समान अवसर मिलेगा और स्थानीय इकाइयों को मौसमी मांग का लाभ लेने में मदद मिलेगी, जिससे रोजगार और लाभ दोनों सुरक्षित रहेंगे।
प्रभाव
कीमतों और अन्य नीतियों पर प्रभाव
इस साल चांदी की कीमतों में तेजी आई है, जो लगभग सोने के समान है। दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी का वायदा भाव 1,34,336 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था, जो 2025 में 40 प्रतिशत बढ़ा है। सरकार ने गैर-बासमती चावल की निर्यात नीति में भी बदलाव किया है, अब निर्यातकों को APEDA के साथ अनुबंध पंजीकृत करना होगा। यह कदम व्यापार को नियंत्रित करते हुए निर्यात को मुक्त बनाए रखेगा।