
खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से थोक महंगाई में उछाल, 2 महीने बाद हुई सकारात्मक
क्या है खबर?
खाने-पीने की चीजों और कुछ अन्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी के कारण थोक मुद्रास्फीति (WPI) में उछाल आ गया है। यह 2 महीने बाद फिर से सकारात्मक स्तर पर लौट आई है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में थोक महंगाई दर 0.52 प्रतिशत रही है, जो पिछले साल इसी महीने में 1.25 प्रतिशत रही थी। इससे पहले जुलाई और जून में क्रमश: -0.58 और -0.19 प्रतिशत नकारात्मक रही थी।
कारण
इस कारण बढ़ी थोक महंगाई
उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "अगस्त में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, विनिर्माण, गैर-खाद्य पदार्थों, गैर-धात्विक खनिज उत्पादों और परिवहन उपकरणों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।" थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में खाद्य वस्तुओं में अपस्फीति 3.06 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 6.29 प्रतिशत थी। इस दौरान सब्जियों की कीमतों में भी तेजी देखी गई। अगस्त में सब्जियों में अपस्फीति 14.18 प्रतिशत रही।
गिरावट
इन क्षेत्रों में कम हो रही कीमत
विनिर्मित उत्पादों के मामले में मुद्रास्फीति अगस्त में 2.55 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह 2.05 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली क्षेत्र में अगस्त में नकारात्मक मुद्रास्फीति या अपस्फीति 3.17 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 2.43 प्रतिशत थी। इस सेक्टर में अब भी कीमतों में गिरावट जारी है। थोक महंगाई बढ़ने का सीधा असर खुदरा महंगाई (CPI) पर भी दिख सकता है। इससे खाने-पीने की चीजों और रोजमर्रा के सामान महंगे हो सकते हैं।