कौन हैं अनुपम और अंशु धानुका, जिन्होंने 300 करोड़ में बेची अपनी कंपनी?
क्या है खबर?
भारत में ऐसे बहुत से जोड़े हैं, जिन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू किया और उसे किसी अन्य बड़ी कंपनी को बेच दिया।
अनुपम और अंशु धानुका भी ऐसे ही जोड़ी है, जो किडोपिया के संस्थापक हैं। किडोपिया बच्चों का एक लोकप्रिय डिजिटल गेमीफाइड लर्निंग ऐप कंपनी है।
इस कंपनी की स्थापना पति-पत्नी की जोड़ी ने 2012 में एक साथ मिलकर की थी। इन्होंने हाल ही में अपनी कंपनी की पूरी हिस्सेदारी नाजारा को बेच दी है।
पढ़ाई
अनुपम और अंशु ने कहां से की पढ़ाई?
अनुपम ने मुंबई के थाडोमल शाहनी इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की है। पेपर बोट एप्स (PBA) की सह-स्थापना से पहले अनुपम धानुका ने मॉर्गन स्टेनली और डॉल्बी में काम किया था।
वहीं अंशु धानुका ने मुंबई विश्वविद्यालय से BMS की डिग्री हासिल की है। वह पिछले 12 सालों से किडोपिया में काम कर रही हैं।
पेपर बोट ऐप्स किडोपिया का डेवलपर और प्रकाशक है। यह 2 से 7 साल के बच्चों के लिए बनाया गया सब्सक्रिप्शन-आधारित ऐप है।
सौदा
300 करोड़ रुपये में बेच रहे अपनी कंपनी
नाजारा ने 2019 में लगभग 154 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर किडोपिया की मूल कंपनी, पेपर बोट ऐप्स में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी।
अब कंपनी ने अनुपम और अंशु से PBA में 300 करोड़ रुपये में अतिरिक्त 48.42 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। PBA में अपना स्वामित्व 100 प्रतिशत करने के लिए इस राशि किस्तों में नकद में चुकाई जाएगी।
किडोपिया का लक्ष्य डिजिटल युग में अच्छी शैक्षिक सामग्री की कमी को दूर करना है।