
पर्सनल लोन लेते समय इन छोटी-छोटी बातों का जरूर रखें ध्यान
क्या है खबर?
आजकल भारत में पर्सनल लोन लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। इसे शादी के खर्च, छुट्टियों, आपात स्थिति या पुराने कर्ज चुकाने जैसे कई कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है। बैंक, NBFC और फिनटेक कंपनियां इस क्षेत्र में जमकर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। हालांकि, सभी ऋणदाता समान नहीं होते। बिना तुलना के लोन लेना महंगा साबित हो सकता है और कई बार इसमें छिपे जोखिम भी होते हैं, जिनसे बचना जरूरी है।
#1
ब्याज दर और छिपे शुल्क
कई लोग केवल घोषित ब्याज दर पर ध्यान देते हैं, लेकिन असली खर्च जानने के लिए वार्षिक प्रतिशत दर यानी APR देखना जरूरी है। इसमें प्रोसेसिंग शुल्क, बीमा शुल्क और अन्य खर्च शामिल होते हैं। कभी-कभी 11 प्रतिशत ब्याज वाला लोन 10.5 प्रतिशत ब्याज वाले लोन से सस्ता पड़ सकता है। ऐसे में लोन लेने से पहले APR की तुलना करना बेहद जरूरी है, ताकि अतिरिक्त बोझ से बचा जा सके और सही निर्णय लिया जा सके।
#2
लचीलापन और भुगतान की शर्तें
हर ऋणदाता पुनर्भुगतान की एक जैसी सुविधा हमेशा नहीं देता। कुछ लोनदाताओं के पास स्टेप-अप या स्टेप-डाउन EMI और लचीले भुगतान विकल्प होते हैं, जबकि कुछ आपको कठोर समय-सारणी से मजबूती से बांध देते हैं। अगर आपकी आमदनी स्थिर नहीं है, जैसे कि फ्रीलांसर, व्यापारी या असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की, तो लचीली शर्तों वाले लोनदाता चुनना समझदारी होगी। इससे आगे चलकर अनावश्यक दिक्कतों, तनाव और आर्थिक बोझ से बचा जा सकता है।
#3
पूर्व भुगतान और ग्राहक सेवा
समय से पहले लोन चुकाने पर ब्याज की बचत होती है, लेकिन अधिकतर लोनदाता शुरुआती वर्षों में ऐसा करने पर जुर्माना लगाते हैं। कुछ तो आंशिक पूर्व भुगतान की भी अनुमति नहीं देते। इसलिए यह शर्तें पहले ही साफ कर लें। इसके अलावा, ग्राहक सेवा भी बेहद जरूरी है। अगर तकनीकी समस्या या गलत EMI कटौती हो जाए तो अच्छी ग्राहक सेवा वाला लोनदाता आपकी मदद करेगा और परेशानियों से बचाएगा।
#4
सावधानी से लें पर्सनल लोन
पर्सनल लोन तब मददगार साबित होता है जब इसे समझदारी से लिया जाए। आकर्षक विज्ञापन और तुरंत स्वीकृति जैसी बातों से प्रभावित न हों। हमेशा अलग-अलग ऋणदाताओं की तुलना करें और लोन की वास्तविक लागत को समझें। ब्याज दर, छिपे शुल्क, भुगतान में लचीलापन और ग्राहक सेवा जैसी बातों पर ध्यान दें। ऐसा करने से आपका लोन बोझ नहीं बनेगा, बल्कि एक भरोसेमंद वित्तीय सहारा साबित होगा और भविष्य को सुरक्षित करेगा।