
बैंक FD और डाकघर स्कीम्स में से किसमें करें निवेश? दोनों में ये हैं अंतर
क्या है खबर?
पैसे बचाने के लिए लोग सुरक्षित निवेश विकल्प को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। छोटे निवेशक अपनी मेहनत की पूंजी को खोने का जोखिम नहीं उठाना चाहते। इसके लिए बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और डाकघर स्कीम दोनों ही लोकप्रिय विकल्प बने हुए हैं, क्योंकि ये गारंटीकृत रिटर्न और सुरक्षा प्रदान करते हैं। उन्हें अपना पैसा डूबने का खतरा नहीं रहता है। आइये जानते हैं आपके लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस में से किसमें निवेश करना सबसे सुरक्षित विकल्प होगा।
पोस्ट ऑफिस स्कीम
क्या होती हैं पोस्ट ऑफिस स्कीम?
सरकार द्वारा समर्थित पोस्ट ऑफिस स्कीम जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) और मासिक आय योजनाएं सरकार द्वारा गारंटीकृत होती हैं। दूसरे शब्दों में डिफॉल्ट के मामले में ये लगभग जोखिम-मुक्त होती हैं। आपकी मूल राशि सुरक्षित रहती है और अधिकांशतः आपके रिटर्न भी निश्चित या सरकार द्वारा नियंत्रित दरों पर मिलता है। डाकघर स्कीम्स पुराने निवेशकों के लिए 100 प्रतिशत गारंटी हैं, जो एक आसान निवेश विकल्प चाहते हैं।
FD
क्या है FD निवेश विकल्प?
बैंक FD भी एक सुरक्षित विकल्प है। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सामान्यतः सुरक्षित होते हैं और जमा बीमा एंव ऋण गारंटी निगम (DICGC) की ओर से 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा किया जाता है। इसलिए, बैंक के संकट में होने पर भी आपकी प्रारंभिक राशि बीमित राशि तक सुरक्षित रहती है। अधिकांश डाकघर स्कीम्स की तुलना में बैंक FD अवधि और समयपूर्व निकासी सुविधा के मामले में भी लचीले होते हैं।
अंतर
दोनों निवेश विकल्पों में ये हैं अंतर
डाकघर दीर्घकालीन स्कीम थोड़ा बेहतर ब्याज प्रदान करती हैं, जबकि बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की स्थिति में अल्पकालिक ब्याज दरों की पेशकश कर सकते हैं। डाकघर स्कीम्स में लेन-देन के लिए पोस्ट ऑफिस जाना पड़ता है, जबकि FD ऑनलाइन की जा सकती है। उच्चतम सुरक्षा, दीर्घकालिक निवेश और थोड़ा ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो डाकघर में निवेश करें। निकासी की सुविधा, पहुंच और बीमा के तहत सुरक्षा के लिए बैंक जमा आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।