फिक्स्ड या फ्लोटिंग FD में से कौनसी फायदेमंद? निवेश करने से पहले कर लें विचार
क्या है खबर?
अगर, आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं तो उससे पहले थोड़ा सोच-विचार करना जरूरी है। हर बैंक अलग-अलग ब्याज दर और अवधि पेश करती हैं। कई बैंक फिक्स्ड रेट पर FD का ऑफर करते हैं, वहीं कई फ्लोटिंग रेट देती हैं। ऐसे में अगर आपको दोनों विकल्पों के बारे में पहले से पता नहीं है तो चुनना मुश्किल होगा। आइये जानते हैं दोनों ब्याज दर विकल्पों में से आपके लिए कौन फायदेमंद हैं।
फ्लोटिंग रेट
फ्लोटिंग रेट किसके लिए सही?
फ्लोटिंग रेट FD के लिए रिटर्न भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रेपो रेट या ट्रेजरी बिल पर आधारित होता है। इसमें बदलाव होने पर ब्याज दर में बदल जाती है और इसका रिटर्न पर भी असर पड़ता है। इसमें निवेश तब करना सही रहता है, जब रेपो रेट बढ़ने की संभावना हो। उस वक्त निवेशकों को ज्यादा रिटर्न मिलता है। यह नामांकन और लोन लेने की सुविधा, वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य ग्राहकों की तुलना में अधिक ब्याज दर देती है।
फिक्स्ड रेट
फिक्स्ड रेट FD के क्या हैं फायदे?
फिक्स्ड रेट FD पर ब्याज की दर पहले से तय होती है, जो पूरी अवधि के लिए निश्चित होती है, यानि इसमें कोई बदलाव नहीं होता है। इस कारण एक स्थिर रिटर्न मिलता है। इस पर RBI की रेपो रेट या बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो बिना किसी जोखिम के अपना पैसा एक सुरक्षित विकल्प में निवेश करना चाहते हैं, भले ही ज्यादा रिटर्न न मिले।