
ब्याज खोए बिना अपनी FD से पैसा कब और कैसे निकालें?
क्या है खबर?
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेश पर सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न देते हैं, लेकिन अगर इन्हें समय से पहले तोड़ा जाए तो बैंक जुर्माना लगाते हैं। यह जुर्माना आमतौर पर ब्याज दर में कटौती के रूप में लिया जाता है, जो 0.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत तक हो सकता है। कुछ मामलों में समय से पहले निकासी करने पर ब्याज का बड़ा हिस्सा भी गंवाना पड़ सकता है। इसलिए निवेशकों को FD तोड़ने से पहले सावधानी से योजना बनानी चाहिए।
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सही समय पर निकासी करना
अगर निवेशक ब्याज का नुकसान कम करना चाहते हैं, तो FD को तिमाही या सालाना ब्याज भुगतान की तारीख के आसपास तोड़ना सबसे अच्छा विकल्प है। बैंक इन अंतरालों पर ब्याज जोड़ते हैं, इसलिए ठीक उससे पहले निकासी करने से ब्याज का बड़ा हिस्सा बचाया जा सकता है। बेहतर होगा कि निवेशक FD तोड़ने की योजना ऐसी तारीखों पर बनाएं, ताकि जमा अवधि का ब्याज पूरी तरह मिल सके और नुकसान न बढ़े।
#2
आंशिक निकासी का फायदा
कई बैंक ग्राहकों को FD से पूरी राशि निकालने की बजाय आंशिक निकासी का विकल्प देते हैं। इसका फायदा यह है कि आप सिर्फ उतना पैसा निकाल सकते हैं, जितनी जरूरत है, जबकि शेष राशि पर मूल ब्याज दर लागू रहती है। उदाहरण के लिए, 2 लाख रुपये की FD से 50,000 रुपये निकालने पर सिर्फ उसी हिस्से पर ब्याज दर घटेगी, जबकि बाकी राशि पर ब्याज सामान्य रूप से मिलता रहेगा।
#3
बचत के अन्य उपाय
कुछ बैंक खास परिस्थितियों में बिना जुर्माने के FD तोड़ने की सुविधा भी देते हैं, जैसे चिकित्सा आपातकाल, जमाकर्ता की मृत्यु, या निकाली गई राशि को किसी अन्य FD में पुनर्निवेश करना। इसके अलावा, निवेशक एक बड़ी FD के बजाय कई छोटी FD रख सकते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर केवल एक हिस्सा ही तोड़ना पड़े। कई बैंक 'स्वीप-इन' सुविधा भी देते हैं, जिसमें सेविंग अकाउंट से जुड़ी FD को बिना जुर्माने के निकाला जा सकता है।