नौकरी बदलने या विदेश जाने पर NPS के पैसे का क्या होगा? जानिए क्या हैं नियम
क्या है खबर?
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अपनी पोर्टेबिलिटी और आजीवन खाता संरचना के कारण भारत में सबसे लचीले सेवानिवृत्ति बचत योजना में से एक है। अच्छा वेतन पाने के लिए नौकरी बदलने या विदेशी जाने के बारे में विचार करने वाले कई लोगों के मन में सवाल होता है कि ऐसा करने पर उनके NPS में जमा पैसे का क्या होगा। आइये जानते हैं नौकरी बदलने या विदेशी जाने पर यह पेंशन स्कीम कैसे काम करती है।
PRAN
कभी बदलती PRAN संख्या
यह सिस्टम स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) से संचालित होता है, जो पूरे जीवनकाल में नहीं बदलता है। इस कारण नया खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होती है। इसका मतलब यह है कि नौकरी बदलने या विदेश जाने के बाद भी आपका NPS खाता एक्टिव रहता है। इसके अलावा इसमें जमा पैसा भी चुने फंड मैनेजर के पास रहता है और एसेट एलोकेशन भी वैसा ही रहता है। इससे आपकी सेवानिवृत्ति बचत योजना में कोई बाधा नहीं आती है।
नौकरी बदलने
नौकरी बदलने पर क्या होगा?
जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो नए नियोक्ता के साथ भी उसी PRAN का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए नई कंपनी का कॉर्पोरेट NPS ढांचे में शामिल होना जरूरी है। अगर, नया नियोक्ता NPS की पेशकश नहीं करता है तो आप खुद से E-NPS पोर्टल या बैंक के जरिए पैसा डाल सकते है। नई नौकरी में वेतन बढ़ गया है तो अपना योगदान बढ़ा सकते हैं, जिससे आपको सेवानिवृत्त के बाद ज्यादा पैसा मिल सकेगा।
विदेश में शिफ्ट
विदेश में शिफ्ट होने पर क्या पड़ेगा असर?
जब आप विदेश शिफ्ट होने के बाद अप्रवासी भारतीय (NRI) बन जाते हो तो भी NPS में पैसा डाल सकते हो। इसके लिए आपके पास NRI या NRO अकाउंट होना चाहिए। पासपोर्ट, विदेश का एड्रेस प्रूफ और विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (FATCA) और सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) डिक्लेरेशन देकर KYC अपडेट करना जरूरी होता है। अगर, आप हमेशा के लिए विदेश में बस गए हैं तो 60 साल तक अकाउंट चल सकता है और उसके बाद पैसा निकाल लें।