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क्या है 9-9-6 सिस्टम, जिसका नारायण मूर्ति के बाद रुपीफी के CEO ने भी किया समर्थन?
काम करने के घंटे को लेकर कुछ समय से काफी चर्चा चल रही है

क्या है 9-9-6 सिस्टम, जिसका नारायण मूर्ति के बाद रुपीफी के CEO ने भी किया समर्थन?

Nov 20, 2025
12:22 pm

क्या है खबर?

भारत में काम करने के घंटे को लेकर कुछ समय से काफी चर्चा चल रही है। इसी बीच इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के 9-9-6 मॉडल के समर्थन के बाद, अब रुपीफी के सह-संस्थापक और CEO अनुभव जैन भी उनके पक्ष में सामने आए हैं। जैन का कहना है कि भारत को तेज आर्थिक विकास के लिए लंबे काम के घंटों की जरूरत है। उनके अनुसार, इसे देश के निर्माण के लिए जरूरी प्रतिबद्धता जैसा कदम माना जाना चाहिए।

 सिस्टम 

9-9-6 सिस्टम क्या है?

9-9-6 सिस्टम का मतलब है 9 बजे से 9 बजे तक 12 घंटे, हफ्ते में 6 दिन काम करना। चीन में यह मॉडल टेक कंपनियों में लोकप्रिय रहा, लेकिन लंबे समय से इसकी कठोर और असुरक्षित वर्किंग कंडीशंस के लिए आलोचना होती रही है। लेबर ग्रुप्स ने इसे 'आज के जमाने की गुलामी' तक बताया है। 2021 में चीन के सुप्रीम कोर्ट ने 12 घंटे काम को गैरकानूनी घोषित कर दिया, लेकिन कई कंपनियां इसे अनौपचारिक रूप से अपनाती हैं।

बयान

अनुभव जैन ने क्या कहा? 

जैन ने लिंक्डइन पोस्ट में कहा कि भारत को ऐसे प्रोफेशनल्स की जरूरत है जो सीमाओं को आगे बढ़ाकर ज्यादा मेहनत करें और देश की तरक्की में योगदान देने को तैयार हों। उन्होंने कहा कि ध्यान दिखावे पर नहीं, बल्कि प्रोडक्टिविटी और इरादे पर होना चाहिए। जैन के अनुसार, चीन की तेजी से हुई आर्थिक प्रगति में लंबे काम के घंटों की बड़ी भूमिका रही है और भारत को भी इसी तरह की सोच अपनानी चाहिए।

अन्य

बहस, आलोचना और अन्य बातें 

वर्क-लाइफ बैलेंस पर बहस तेज हो गई है, क्योंकि कई विशेषज्ञ 9-9-6 मॉडल को अस्थिर और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताते हैं। चीन में भी ओवरवर्क, तनाव और मौत जैसी घटनाओं के बाद कड़े नियम लागू किए गए। इसके बावजूद मूर्ति और जैन दोनों मानते हैं कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए भारत को अधिक मेहनत की मानसिकता अपनानी चाहिए। आलोचक कहते हैं कि विकास उत्पादकता से आता है। अत्यधिक काम के घंटे हमेशा समाधान नहीं होते।