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ऑनलाइन फंड ट्रांसफरः कैसे काम करता है NEFT और RBI क्यों बढ़ाना चाहता है इसकी टाइमिंग?

ऑनलाइन फंड ट्रांसफरः कैसे काम करता है NEFT और RBI क्यों बढ़ाना चाहता है इसकी टाइमिंग?

May 16, 2019
07:55 pm

क्या है खबर?

भारतीय रिजर्व बैंक ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के तहत 24 घंटे फंड ट्रांसफर का प्रस्ताव पेश किया है। बैंक ने 2019-21 के अपने विजन डॉक्यूमेंट में यह प्रस्ताव दिया है। अगर ऐसा होता है तो ग्राहकों कभी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे भेज पाएंगे। बता दें, NEFT के जरिए ग्राहक एक दिन में एक रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।

NEFT

अभी क्या है NEFT की खामियां

NEFT के जरिए एक दिन में 25 लाख रुपये तक भेजे जा सकते हैं, लेकिन इसकी कुछ खामियां भी हैं। जैसे NEFT के जरिए केवल कामकाजी दिनों में ही पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं। यानी NEFT केवल उसी दिन काम करता है जिस दिन बैंक खुले रहते हैं। महीने के हर रविवार, दूसरे और चौथे शनिवार और हर सरकारी छुट्टी के दिन ग्राहकों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए कोई दूसरा विकल्प तलाशना पड़ता है।

जानकारी

इतने समय में होती है NEFT की ट्रांजेक्शन

कामकाजी दिनों में NEFT सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक काम करता है। हालांकि, अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग समय है। वहीं शनिवार के दिन यह सुबह 8 बजे से दोपहर एक बजे तक काम करता है।

RTGS

RTGS के लिए भी ऐसी ही योजना

रिजर्व बैंक ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के लिए ऐसी योजना बनाई है। हालांकि, इसके लिए प्रस्ताव नहीं आया है, लेकिन कहा गया है कि इसकी टाइमिंग बढ़ाने की संभावनाओं पर गौर किया जाएगा। RTGS के तहत 2 लाख से 25 लाख रुपये तक ट्रांसफर किए जा सकते हैं। RTGS के तहत ग्राहकों को फंड ट्रासंफर के लिए और भी कम समय मिलता है। इसके तहत कामकाजी दिनों में केवल चार बजे तक फंड ट्रांसफर किया जा सकता है।

IMPS

ग्राहकों के पास केवल IMPS का विकल्प

किसी भी समय फंड ट्रांसफर करने के लिए ग्राहकों के पास अभी सिर्फ इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) का विकल्प है। इसके जरिए ग्राहक किसी भी वक्त पैसे भेज सकते हैं, लेकिन इसकी भी एक खामी है। IMPS के जरिए 2 लाख रुपये तक का फंड ट्रांसफर किया जा सकता है। ऐसे में अगर NEFT की टाइमिंग बढ़ती है तो न सिर्फ ग्राहकों का फायदा होगा बल्कि बैंकों की शाखाओं पर भी कुछ हद तक भार कम होगा।