
क्रेडिट कार्ड धारकों को ऐसे ठग रहे जालसाज, बचना है तो मत करना ये गलतियां
क्या है खबर?
क्रेडिट कार्ड से जुड़े धोखेबाजी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में जालसाजों ने एक व्यक्ति को 1 लाख रुपये का चूना लगा दिया। ठग ने बैंक कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने के लिए पीड़ित व्यक्ति को फोन कर OTP मांगा और फोन हैक कर खाते से 1 लाख रुपये उड़ा लिये। ऐसी धोखाधड़ी आम होती जा रही है। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है। आइये जानते हैं किन तरीकों से आप बचे रह सकते हैं।
OTP
OTP को लेकर कभी न भूलें ये नियम
OTP न बताएं: यह एक ऐसा नियम है, जिसका पालन करना जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी ग्राहकों को बैंक कर्मचारियों को भी OTP ने बताने की सलाह देता है। ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल: क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने के लिए इस तरह के धोखे से बचने के लिए बैंक की ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल करना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। ज्यादातर बैंक यह सुविधा देती हैं और इसे करना भी आसान है।
कस्टमर केयर नंबर
कहां से प्राप्त करें कस्टमर केयर नंबर?
वेबसाइट से नंबर: क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायत या जानकारी के लिए कार्डधारक गूगल से कस्टमर केयर नंबर प्राप्त कर लेते हैं। कई बार यह नंबर आपको धोखेबाजों के संपर्क में ला सकता है। अपने पैसे की सुरक्षा को खतरे में डालने के बजाय आधिकारिक वेबसाइट से फोन नंबर प्राप्त करना उचित है। ऐप डाउनलोड: किसी के फोन पर कहने पर कोई भी अनाधिकृत ऐप डाउनलोड न करें। धोखेबाज इसकी मदद से आपके फोन तक पहुंच प्राप्त कर लेते हैं।
क्रेडिट लिमिट
क्रेडिट लिमिट तय करने से मिलेगी सुरक्षा
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से बचने के लिए यूजर्स को ऑनलाइन लेनदेन के लिए अपने कार्ड की क्रेडिट लिमिट तय करनी चाहिए। एक बार जब आप लेनदेन के लिए अधिकतम खर्च करने की कोई सीमा तय कर देते हैं तो इसके बाद इससे ज्यादा का लेनदेन करने की कोशिश करने पर आपको बैंक से सूचना मिल जाएगी। इस तरह की जानकारी का पता चलने पर आप कार्ड ब्लॉक करने या पासवर्ड बदलने जैसे कदम उठाकर धोखेबाजी से बच सकते हैं।