
कई सालों तक ITR दाखिल नहीं करने के क्या हैं नुकसान? जानिए इसको लेकर नियम
क्या है खबर?
कई लोगों में अभी भी यह धारणा है कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना सिर्फ टैक्स देने वालों के लिए जरूरी है। इस कारण वे इससे बचते रहते हैं, लेकिन ये लापरवाही आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। कई सालों तक ITR नहीं भरने पर जुर्माना तो लगता ही है साथ ही आप कानूनी पचड़े में भी फंस सकते हैं। आइये जानते हैं ITR भरने में अनदेखी करना आपको क्या-क्या नुकसान पहुंचा सकता है।
जुर्माना
देना पड़ेगा इतना जुर्माना
जब आप एक या ज्यादा वर्षों का ITR दाखिल नहीं करते हैं तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत हर साल 5,000 रुपये तक का विलंब शुल्क देना पड़ सकता है। इसके अलावा, धारा 234A, 234B और 234C के तहत बकाया टैक्स राशि पर ब्याज भी लगाया जा सकता है। जब यह वृद्धि कई सालों तक होती है तो कुल देय राशि बढ़ जाती है। आप पूंजीगत नुकसान को आगे ले जाने का मौका भी खो देते हैं।
कानूनी कार्रवाई
आयकर विभाग को कानूनी कार्रवाई का अधिकार
आप जानबूझकर सालों तक रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं और आप पर टैक्स का बोझ बहुत ज्यादा है तो आयकर विभाग को आप पर मुकदमा चलाने का कानूनी अधिकार है। धारा 276CC के तहत रिटर्न दाखिल न करने पर 3 महीने से लेकर 7 साल तक की कड़ी कैद और जुर्माना हो सकता है। मामूली देरी के लिए यह कठोर उपाय शायद उचित नहीं माना जाए, लेकिन नियमित चूक आपको अभियोजन के दायरे में ला सकती है।
नुकसान
ये भी होंगे नुकसान
बैंक, विदेशी दूतावास और वित्तीय संस्थान आमतौर पर लोन या वीजा स्वीकृत करने से पहले 2 या 3 साल की ITR रसीदें मांगते हैं। कुछ वर्षों तक आयकर रिटर्न दाखिल न करने पर आपका होम लोन या एज्युकेशन लोन आवेदन अस्वीकृत हो सकता है या आपका विदेश यात्रा वीजा रद्द हो सकता है। उद्यमियों के लिए रिटर्न दाखिल न करने से व्यावसायिक उद्देश्यों या बीमा दावों के लिए आय सृजन करने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है।