
अमेरिकी फार्मा दिग्गज एली लिली भारत में करेगी करीब 88 अरब रुपये का निवेश
क्या है खबर?
अमेरिका की दवा कंपनी एली लिली भारत में 1 अरब डॉलर (लगभग 88 अरब रुपये) से अधिक का निवेश करने जा रही है। कंपनी आने वाले वर्षों में स्थानीय दवा निर्माताओं के साथ साझेदारी करके अपनी मैन्युफैक्चरिंग और आपूर्ति क्षमता बढ़ाएगी। यह कदम भारत के कुशल कार्यबल का उपयोग करने और कंपनी के वैश्विक नेटवर्क को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। हाल ही में लिली ने भारत में वजन घटाने वाली अपनी दवा मौनजारो भी लॉन्च की थी।
लाभ
भारत को मिलने वाले लाभ
लिली का यह निवेश भारत की दवा उद्योग को नई दिशा देगा। फिलहाल कंपनी की यहां कोई उत्पादन इकाई नहीं है, लेकिन यह कदम देश को वैश्विक दवा निर्माण का और बड़ा केंद्र बना सकता है। इससे भारत को रोजगार के अवसर मिलेंगे और मोटापा, मधुमेह, अल्जाइमर, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं सस्ती और अधिक उपलब्ध हो सकेंगी। भारत को तकनीकी सहयोग और अनुसंधान में भी फायदा होगा।
वजह
निवेश के पीछे की वजह
कंपनी का भारत में निवेश करने का फैसला उस समय आया है जब अमेरिका में दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बनाई जा रही है। इससे कई वैश्विक दवा कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही हैं। एली लिली ने हाल ही में अमेरिका के वर्जीनिया में भी 5 अरब डॉलर (करीब 450 अरब रुपये) का नया संयंत्र शुरू करने की घोषणा की थी। अब कंपनी भारत में भी उत्पादन नेटवर्क बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
भर्ती
हैदराबाद में नई सुविधा और भर्ती
लिली हैदराबाद में एक नई मैन्युफैक्चरिंग और गुणवत्ता सुविधा स्थापित करेगी, जिससे भारत में उसकी उपस्थिति और मजबूत होगी। यह केंद्र कंपनी के वैश्विक अनुबंध निर्माण नेटवर्क की निगरानी करेगा और तकनीकी क्षमताएं प्रदान करेगा। कंपनी जल्द ही इस केंद्र के लिए इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, गुणवत्ता नियंत्रण विशेषज्ञों और प्रबंधकों की भर्ती शुरू करेगी। इससे भारत के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।