
ट्रंप के टैरिफ से कंपनियों को लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान- रिपोर्ट
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण इस साल कॉर्पोरेट खर्चों में बड़ी बढ़त दर्ज हुई है। S&P ग्लोबल के अनुसार, कंपनियों के खर्चों में करीब 1 लाख करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हो रही है, जिसका बड़ा हिस्सा उत्पादों की ऊंची कीमतों के जरिए उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है। व्यापार और टैरिफ में आए बदलावों के कारण कंपनियों को 2025 में लगभग 1.2 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 10 लाख करोड़ रुपये) के अतिरिक्त नुकसान की उम्मीद है।
नुकसान
कंपनियों को हो रहा भारी नुकसान
S&P की रिपोर्ट ने करीब 9,000 सार्वजनिक कंपनियों के वित्तीय विश्लेषण के आधार पर अपने पूर्वानुमान में बदलाव किया है। नई रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कंपनियों का कुल खर्च लगभग 46 लाख अरब रुपये तक पहुंच सकता है। इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण टैरिफ, बढ़ती वेतन दरें, ऊर्जा लागत और एआई ढांचे में बढ़ता पूंजीगत निवेश हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक कंपनियों के लाभ मार्जिन में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है।
बोझ
उपभोक्ताओं पर बढ़ता बोझ
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों के अनुमानित 80,000 अरब रुपये के नुकसान में से लगभग दो-तिहाई यानी करीब 52,000 अरब रुपये का बोझ ऊंची कीमतों के रूप में उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। जबकि शेष करीब 28,000 अरब रुपये कंपनियां खुद वहन कर रही हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि इन परिस्थितियों में कंपनियों का वास्तविक उत्पादन घटा है, यानी वे पहले की तुलना में कम वस्तुओं का निर्माण कर पा रही हैं।
असर
कम आय वालों पर सबसे ज्यादा असर
टैरिफ नीतियों को लेकर अब यह बहस शुरू हो गई है कि इसका सबसे ज्यादा असर किस पर पड़ रहा है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर अधिकतर अमीर परिवारों पर है, जबकि अन्य विश्लेषकों का मानना है कि गरीब और मध्यम आय वाले परिवार सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इन परिवारों की आय का बड़ा हिस्सा फर्नीचर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू वस्तुओं पर खर्च होता है, जिन पर अब टैरिफ लग चुका है।