क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन बुकिंग में छिपे हैं यात्रा बीमा लाभ, जानिए कैसे उठाएं फायदा
क्या है खबर?
इंडिगो की उड़ाने रद्द होने या देरी से चलने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। वे घंटों तक हवाई अड्डों पर फंसे रहे। इससे लोगों की आगे की बुकिंग प्रभावित होने से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसी समस्याएं कभी भी आ सकती हैं। कम लोगों को पता है कि कई क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन ट्रैविल एजेंसी ट्रैवल बीमा की पेशकश करती हैं। आइये जानते हैं इस बीमा का फायदा कैसे उठाएं।
क्रेडिट कार्ड
कई क्रेडिट कार्ड में मिलता है बीमा कवर
कई प्रीमियम और मध्यम श्रेणी के क्रेडिट कार्ड उड़ान में देरी, रद्दीकरण, छूटे हुए कनेक्शन और सामान में देरी के लिए यात्रा बीमा कवर के साथ आते हैं। इससे 10,000 रुपये से 25,000 रुपये के बीच होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकती है। इसके पात्रता के लिए आपको जांचना है कि आपके क्रेडिट कार्ड में इन-बिल्ट यात्रा बीमा है या नहीं। जानकारों का कहना है कि बहुत कम कार्डधारक ही इस लाभ का फायदा उठाते हैं।
OTA बुकिंग
अनजाने में ऐड हो जाता है बीमा
कई यात्री अनजाने में मेकमाईट्रिप, क्लियरट्रिप या इंडिगो जैसी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी (OTA) से टिकट बुक करते समय यात्रा बीमा खरीद लेते हैं। ये ऐड-ऑन पॉलिसी सुविधाजनक तो होती हैं, लेकिन इनका कवरेज काफी अलग-अलग होता है। अक्सर, इनमें बारीकियां होती हैं, जिन्हें यात्री नजरअंदाज कर देते हैं। OTA-लिंक्ड बीमा निश्चित रूप से राहत प्रदान कर सकता है, लेकिन शर्तों को ध्यान से पढ़ना और यह समझना जरूरी है कि भुगतान कैसे मिलेगा।
क्लेम
ऐसे कर सकते हैं बीमा क्लेम
यात्रा बीमा क्लेम पाने के लिए बोर्डिंग पास, एयरलाइन की देरी/रद्दीकरण ईमेल, भोजन, होटल या वैकल्पिक यात्रा की रसीदें एकत्रित करनी होगी। बीमाकर्ता/बैंक को ईमेल करके तुरंत सूचित करना होगा। कई बीमा कंपनियों को नियमों के तहत 48 घंटों के भीतर सभी आवश्यकताओं को पूरा करना होता है और 45 दिनों के भीतर दावों का निपटान करना होता है। ज्यादातर प्लान में भरपाई तभी होता है, जब व्यवधान न्यूनतम सीमा 6 घंटे को पार कर जाता है।
नियम
एयरलाइंस के लिए हैं ये नियम
यात्रा बीमा के अलावा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) भी भारत के विमानन नियमों के तहत यात्रियों के लिए कुछ अधिकार देता है। उड़ान रद्द होने पर एयरलाइंस को या तो पूरा पैसा वापस करना होगा या वैकल्पिक उड़ान देनी होगी और हवाई अड्डे पर मौजूद यात्रियों को भोजन और जलपान उपलब्ध कराना होगा। लंबी देरी की स्थिति में भोजन से लेकर होटल आवास और शिफ्टिंग तक सहायता प्रदान करनी होगी। भले ही उन्होंने बीमा खरीदा हो या नहीं।