नोएल टाटा समेत शीर्ष ट्रस्टी हुए मेहली मिस्त्री के खिलाफ, टाटा ट्रस्ट में पड़ी दरार
क्या है खबर?
टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष नोएल टाटा और उपाध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ने दिवंगत रतन टाटा के विश्वासपात्र, व्यवसायी मेहली मिस्त्री की स्थायी ट्रस्टी के रूप में पुनः नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी है। इन्होंने मिस्त्री के खिलाफ मतदान किया है, जिससे उनकी दोबारा नियुक्ति रुक सकती है। इस कदम को अदालत में चुनौती दिए जाने की संभावना है। इससे टाटा संस में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्ट्स में आई दरार खुलकर सामने आ गई है।
विभाजित मतदान
ट्रस्टियों के अलग-अलग मत
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को नोएल टाटा, TVS मोटर के मानद अध्यक्ष श्रीनिवासन और पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह ने मिस्त्री की आजीवन ट्रस्टी पद की उम्मीदवारी के खिलाफ मतदान किया। 3 अन्य ट्रस्टियों- सिटीबैंक इंडिया के पूर्व CEO प्रमित झावेरी, मुंबई के वकील डेरियस खंबाटा और पुणे के समाजसेवी एच.सी. जहांगीर ने इसके पक्ष में मतदान किया। यह विभाजित मत हालिया सर्वसम्मति-आधारित दृष्टिकोण से एक स्पष्ट बदलाव दर्शाता है। पिछले सप्ताह ही श्रीनिवासन को आजीवन ट्रस्टी बनाया गया था।
चुनौती
नोएल टाटा के सामने आ सकती हैं ये चुनौती
मिस्त्री का विरोध नोएल टाटा के लिए 2 तात्कालिक चुनौतियां पेश करता है, जिन्होंने रतन टाटा के निधन के बाद टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष का पदभार संभाला था। मिस्त्री इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती दे सकते हैं, क्योंकि पिछले साल 17 अक्टूबर को सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की संयुक्त बैठक में सभी ट्रस्टियों को स्थायी बनाने पर सहमति बनी थी। दूसरी चुनौती यह है कि अब ट्रस्टों में आम सहमति कैसे बनेगी।